लक्ष्मी पूजा के दिन लक्ष्मी का मर्डर, निर्मम हत्या के बाद 6 साल की मासूम के निकाले दोनों फेफड़े

Gaurav Sharma
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कानपुर,डेस्क रिपोर्ट। एक तरफ तो शासन-प्रशासन महिला सुरक्षा के वादे करते है, लेकिन दूसरी ओर असल तस्वीर इसके विपरित है। महिलाओं और बच्चियों के प्रति अपराध है कि कम होने का नाम नहीं ले रहे। ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश के कानपूर से सामने आय़ा है, जहां 6 साल की लड़की की निर्मम हत्या कर दी गई।

मामला कानपुर के घाटमपुर क्षेत्र के भदरस गांव का है, जहां दिवाली वाली शाम यानी की शनिवार को एक लड़की जिसकी उम्र 6 साल है वो लापता हो गई थी उसका शव खेत में पाया गया। वहीं शव देख पाया गया कि मासूम की निर्मम हत्या में उसके दोनों फेफड़े निकाल लिए गए थे। वहीं धारदार हथियार के बच्ची के चेहरे पर वार किया गया था। वहीं बच्ची के पैर लाल रंग से रंगे हुए थे, जिसे देख मामला तंत्र मंत्र का प्रतीत हो रहा है।

दरअसल, कानपुर से 50 किलोमीटर दूर भदरस गांव में रहने वाले करन कुरील की बेटी जिसका नाम श्रेया उर्फ भूरी जोकि 6 साल की थी वो दिवाली की शाम घर के बाहर खेल रही थी। घर के कुछ लोग खेत में थे और घर की महिलाएं पूजा की तैयारी कर रही थी। वहीं पूजा की तैयारी के दौरान जब महिलाओं ने घर के बच्चों को दीया ऱखने के लिए बुलाया तो तीन में से दो बच्चियां आई पर श्रेया नहीं आई । जिसके बाद श्रेया की उसके घरवालों ने तलाशी शुरु कर दी, पूरी रात बच्ची को उसके घर वाले खोजते रहे पर वो नहीं मिली।

आज सुबह ग्रामीण खेत के लिए निकले तो उन्होंने रास्ते में एक सरसों के खेत में खून से लपटा बच्ची का शव देखा। शव पर कपड़े नहीं थे। शव की सूचना मिलते ही मौके पर बच्ची के घर वाले पहुंचे, जिसके बाद पूरे गांव में सनसनी फैल गई। शव देखने पर पाया गया कि बच्ची के सीने में दो जगह जख्म थे, जिसके बाद आशंका जताई जा रही है कि बच्ची के दोनों फेफड़े निकाल लिए गए है। वहीं बच्ची के पैर में माहुल पाया गया। साथ ही कुछ नमकीन के खाली पैकेट भी शव के पास पाए गए, जिसके बाद आशंका जताई जा रही है कि ये करतूत तांत्रिकों की हो सकती है।

वहीं जैसे ही ग्रामीणों को बच्ची की हत्या के बारे में पता लगा तो वो घटना स्थल पर एकत्रित हो गए है और मांग कर रहे है कि जब तक कोई बड़े अधिकारी नहीं आते तब तक वो शव को उठने नहीं देंगे। वहीं वारदात की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने फोरेंसिक और डॉग स्क्वायड को भी मामले के बारे में सूचित किया। वहीं पूरे मामले को लेकर स्क्वायड यूनिट के प्रभारी ने कहा कि उनके पहुंचने से पहले सैकड़ो लोग घटना स्थल से गुजर चुके थे। जिसके कारण खोजी कुत्ते को मौके पर कोई स्मेल (गंध) नहीं मिली। वहीं मामले की जांच की जा रही है और जल्द आरोपी को पकड़ कर उसपर सख्त कार्रवाई की जाएगी।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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