लक्ष्मी पूजा के दिन लक्ष्मी का मर्डर, निर्मम हत्या के बाद 6 साल की मासूम के निकाले दोनों फेफड़े

Gaurav Sharma
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कानपुर,डेस्क रिपोर्ट। एक तरफ तो शासन-प्रशासन महिला सुरक्षा के वादे करते है, लेकिन दूसरी ओर असल तस्वीर इसके विपरित है। महिलाओं और बच्चियों के प्रति अपराध है कि कम होने का नाम नहीं ले रहे। ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश के कानपूर से सामने आय़ा है, जहां 6 साल की लड़की की निर्मम हत्या कर दी गई।

मामला कानपुर के घाटमपुर क्षेत्र के भदरस गांव का है, जहां दिवाली वाली शाम यानी की शनिवार को एक लड़की जिसकी उम्र 6 साल है वो लापता हो गई थी उसका शव खेत में पाया गया। वहीं शव देख पाया गया कि मासूम की निर्मम हत्या में उसके दोनों फेफड़े निकाल लिए गए थे। वहीं धारदार हथियार के बच्ची के चेहरे पर वार किया गया था। वहीं बच्ची के पैर लाल रंग से रंगे हुए थे, जिसे देख मामला तंत्र मंत्र का प्रतीत हो रहा है।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।