एकनाथ शिंदे की टीम को शुक्रवार को भारत निर्वाचन आयोग ने एकनाथ शिंदे की टीम को यह मान्यता देते हुए शिवसेना का ‘तीर-कमान’ चुनाव चिह्न दे दिया है। आयोग के इस फैसले को अब उद्धव ठाकरे की टीम के लिए करारी हार माना जा रहा है। आयोग के इस फैसले के बाद अब उद्धव ठाकरे को अपनी पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न पर कोई अधिकार नहीं रहा। आयोग ने पाया कि शिवसेना का मौजूदा संविधान अलोकतांत्रिक है और उद्धव गुट ने बिना चुनाव कराए अपने गुट के लोगों को अलोकतांत्रिक रूप से पदाधिकारी नियुक्त करने के लिए पार्टी को अपनी जागीर बना लिया।
पार्टी के नियमों मे किया बदलाव
इस पूरे प्रकरण में दरअसल चुनाव आयोग ने पाया कि उद्धव गुट की पार्टी ने न सिर्फ पार्टी के नियमों में बदलाव किया बल्कि इन्हे तोड़ मरोड़कर अपनाया गया, जबकि इन तरीकों को चुनाव आयोग 1999 में नामंजूर कर चुका था। अब इसी के साथ महाराष्ट्र में शिवसेना से अब उद्धव गुट की दावेदारी खत्म मानी जा रही है।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का बयान
चुनाव आयोग के फैसले का स्वागत करते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा- यह हमारे कार्यकर्ताओं, सांसदों, विधायकों, जनप्रतिनिधियों और लाखों शिवसैनिकों सहित बालासाहेब और आनंद दीघे की विचारधाराओं की जीत है। यह लोकतंत्र की जीत है। उन्होंने कहा- यह देश बाबासाहेब अंबेडकर की ओर से तैयार किए गए संविधान पर चलता है। हमने उस संविधान के आधार पर अपनी सरकार बनाई। चुनाव आयोग का आज जो आदेश आया है, वह मेरिट के आधार पर है। मैं चुनाव आयोग का आभार व्यक्त करता हूं।