NEET UG 2024 Result : सवालों के घेरे में NEET UG का रिज़ल्ट, 718-719 अंकों पर उठे सवाल, सोशल मीडिया पर फूटा छात्रों का गुस्सा

NEET UG 2024 Result : NEET UG 2024 के रिजल्ट में अन्य अनियमितताओं के कारण छात्रों में आक्रोश देखा जा रहा है। सोशल मीडिया पर इस मामले ने तेजी से तूल पकड़ा है, जहां छात्रों ने इसे "भविष्य से खिलवाड़" करार दिया है।

Rishabh Namdev
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NEET UG 2024 Result : NEET UG 2024 के परिणामों ने एक नई बहस छिड़ गई है। दरअसल NTA पर रिजल्ट को लेकर गड़बड़ी का आरोप लगाया है।जानकारी के अनुसार 720 में से 718 और 719 अंक प्राप्त करने वाले छात्रों की संख्या पर संदेह जताया जा रहा है, और इसके साथ ही रिजल्ट में अन्य अनियमितताओं के कारण छात्रों में आक्रोश देखा जा रहा है। सोशल मीडिया पर इस मामले ने तेजी से तूल पकड़ा है, जहां छात्रों ने इसे “भविष्य से खिलवाड़” करार दिया है।

67 छात्रों का AIR Rank 1:

इस वर्ष NEET UG के परिणामों में 67 छात्रों को ऑल इंडिया रैंक (AIR) 1 प्राप्त हुई है। इसके अलावा, एक ही परीक्षा केंद्र के सात छात्रों ने 720 में से 720 अंक प्राप्त किए हैं, जिनके रोल नंबर एक ही क्रम में शुरू हो रहे हैं। इस प्रकार की समानता ने छात्रों और अभिभावकों के बीच संदेह उत्पन्न कर दिया है।

718 और 719 अंकों पर विवाद:

दरअसल विशेषज्ञों और छात्रों ने 718 और 719 अंकों के प्राप्तकर्ताओं को लेकर सवाल उठाए हैं। सामान्यत: NEET UG में पूर्ण अंक 720 होते हैं, और यदि कोई छात्र एक प्रश्न गलत करता है या छोड़ता है, तो उसके अंक 716 या 715 होने चाहिए। इसलिए, 718 और 719 अंक का आना अनियमित माना जा रहा है। इस पर कई विशेषज्ञों का कहना है कि यह गणितीय दृष्टिकोण से संभव नहीं है।

सोशल मीडिया पर छात्रों का गुस्सा:

वहीं सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर छात्रों का गुस्सा फूट पड़ा है। कई छात्रों ने इसे “भविष्य से खिलवाड़” कहा है। सोशल मीडिया पर छात्रों ने अपनी निराशा व्यक्त करते हुए NTA पर सवाल उठाए हैं और परिणामों की पुनः जाँच की मांग की है। छात्रों का कहना है कि यह मामला उनके करियर और भविष्य के साथ खिलवाड़ है।

NTA का स्पष्टीकरण:

NTA ने 718-719 अंकों पर स्पष्टीकरण जारी किया है। NTA के अनुसार, परीक्षा के आयोजन के दौरान कुछ तकनीकी समस्याओं के कारण उम्मीदवारों को समय की हानि हुई थी। इन मामलों को ध्यान में रखते हुए, माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के आधार पर सामान्यीकरण फॉर्मूला लागू किया गया था। इस फॉर्मूले के तहत, परीक्षा के समय के नुकसान का पता लगाया गया और प्रभावित उम्मीदवारों को अनुग्रह अंक दिए गए। NTA का कहना है कि इसी वजह से उम्मीदवारों के अंक 718 या 719 भी हो सकते हैं।

विशेषज्ञों की राय:

इसे लेकर सोशल मीडिया पर विशेषज्ञों द्वारा अब सवाल खड़े किए जा रहे हैं। शिक्षाविदों और परीक्षा विशेषज्ञों ने भी इस मामले पर अपनी राय व्यक्त की है। कई विशेषज्ञों का मानना है कि NTA को तुरंत एक्शन लेते हुए पूरे परिणाम की पुनः जाँच करनी चाहिए। यह केवल छात्रों के भविष्य की ही नहीं, बल्कि देश के स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के भविष्य की भी बात है।

इस पूरे प्रकरण ने NTA की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। छात्रों का भविष्य दांव पर है, और यह जरूरी है कि इस मामले को तुरंत और सही तरीके से सुलझाया जाए। सरकार और संबंधित प्राधिकरणों को इस मुद्दे पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए और आवश्यक कदम उठाने चाहिए ताकि छात्रों को न्याय मिल सके और शिक्षा प्रणाली में विश्वास बहाल हो सके।


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मैंने श्री वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय इंदौर से जनसंचार एवं पत्रकारिता में स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। मैं पत्रकारिता में आने वाले समय में अच्छे प्रदर्शन और कार्य अनुभव की आशा कर रहा हूं। मैंने अपने जीवन में काम करते हुए देश के निचले स्तर को गहराई से जाना है। जिसके चलते मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार बनने की इच्छा रखता हूं।

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