New Labor Law: कर्मचारियों को लेकर बड़ी तैयारी में मोदी सरकार, बेसिक सैलरी में होगा इजाफा

Pooja Khodani
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नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। सरकारी कर्मचारियों (Government Employee) के लिए बड़ी खुशखबरी है। डीए (DA) और वेतनवृद्धि के बाद केंद्र की मोदी सरकार एक बार फिर बड़ा तोहफा देने की तैयारी में है। खबर है कि 1 अक्टूबर से मोदी सरकार नया श्रम कानून लागू (new labor law 2021) कर सकती है।भारत सरकार के श्रम एंव रोजगार मंत्रालय इसकी तैयारियों में जुटा हुआ है। इसके तहत कर्मचारियों को हफ्ते में सिर्फ चार दिन ही काम करना पड़ेगा और।पीएफ बैलेंस भी काफी बढ़ोत्तरी होगी।

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मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मोदी सरकार (Modi Government) 1 जुलाई से लेबर कोड के नियमों (Labour Code Rules 2021) को लागू करना चाहती थी, लेकिन राज्य सरकारों के तैयार नहीं होने के कारण अब 1 अक्टूबर से लागू करने का टारगेट रखा गया है। अगर 1 अक्टूबर 2021 से लेबर कोड के नियमों को लागू किया जाता है तो कर्मचारियों की बेसिक सैलरी 15000 रुपये से बढ़कर 21000 रुपये हो सकती है।

नए नियम के मुताबिक, कर्मचारियों को 9 के बजाए 12 घंटे की शिफ्ट करनी पड़ सकती है, जिसमें हर पांच घंटे पर आधा घंटा का ब्रेक मिलेगा। वहीं, सप्ताह में 48 घंटे काम करना होगा। अगर कोई व्यक्ति रोजना 8 घंटे काम करता है तो उसे सप्ताह में 6 दिन काम करना होगा। वहीं, दिन में 12 घंटे काम करने वाले व्यक्ति को सप्ताह तीन छुट्टी मिलेगी।15 से 30 मिनट भी अतिरिक्त समय देने पर उसे ओवरटाइम माना जाएगा। वहीं हर पांच घंटे पर कर्मचारियों को 30 मिनट का ब्रेक मिलेगा। इसके साथ ही सैलरी के नियम बदल जाएंगे।

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नई वेतन संहिता के तहत सैलरी स्ट्रक्चर में भी बदलाव आएगा। इस कानून के मुताबिक कर्मचारियों की बेसिक सैलरी 50 प्रतिशत से अधिक होनी चाहिए। अगर ऐसा हुआ तो जहां प्रोविडेंट फंड बढ़ जाएगा वहीं, इन हैंड सैलरी में कटौती घटकर मिलेगी। वही भत्तों को 50 फीसदी पर सीमित रखा जाएगा। इसका मतलब है कि कर्मचारियों के कुल वेतन का 50 फीसदी मूल वेतन होगा। भविष्य निधि की गणना मूल वेतन के प्रतिशत के आधार पर की जाती है, इसमें मूल वेतन और महंगाई भत्ता शामिल रहता है।


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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