HP DA/Arrears : महंगाई भत्ता और छठे वेतनमान का संशोधित एरियर के लिए हिमाचल प्रदेश के कर्मचारियों अधिकारियों को दिवाली तक इंतजार करना पड़ेगा। सीएम के एक माह के भीतर राज्य की वित्तीय स्थिति की समीक्षा करने और सितंबर अंत में बैठक करने के आश्वासन के बाद अब संयुक्त कर्मचारी महासंघ और सचिवालय सेवाएं कर्मचारी ने प्रदेश सरकार से लंबित डीए और एरियर दो माह के भीतर जारी करने की मांग की है। राज्य सरकार को अब नवंबर माह में भुगतान करना होगा।
महासंघ का कहना है कि दिवाली तक कर्मचारियों को डीए और एरियर दोनों का भुगतान होना चाहिए।महासंघ ने रविवार को 9200 करोड़ की NPS राशि केंद्र से वापस , HRTC को रोडवेज का दर्जा, बिजली बोर्ड नगर निगम और पंचायती राज में OPS ,4-9-14 टाइम स्केल को बहाल ,अनुबंध कर्मचारियों को साल में 2 बार नियमित ,अनुबंध नीति को समाप्त कर नियमित भर्ती ,आउटसोर्स कर्मचारियों को नियमित , वेतन भत्तों में संशोधन और ट्रांसफर पॉलिसी को 30 के स्थान पर 20 किमी लागू करने जैसी तमाम मांगों को आमसभा की मंजूरी मिलने के बाद सूचीबद्ध कर लिया। जल्द कर्मचारी राज्य सरकार के समक्ष मांगों को रखेंगे और इनके समाधान का आह्वान किया जाएगा।
CM ने दिया 1 माह में वित्तीय स्थिति की समीक्षा का आश्वासन
दरअसल, पिछले हफ्ते कर्मचारी और शिक्षक संगठनों के साथ हुई बैठक में सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा था कि एक माह के भीतर राज्य की वित्तीय स्थिति की समीक्षा करेंगे। राज्य सरकार कर्मचारियों को DA और अन्य लाभ जारी करने के लिए प्रतिबद्ध है और राज्य की वित्तीय स्थिति में सुधार के साथ ही कर्मचारियों को सभी लाभ जारी कर दिए जाएंगे। साथ ही उन्होंने सितंबर 2024 अंत में कर्मचारी संगठनों के साथ फिर से बैठक करने का आश्वासन दिया है।
लंबे समय से लंबित है डीए और एरियर
कर्मचारियों का 12% डीए और संशोधित वेतनमान का एरियर वर्ष 2016 से पेंडिंग है।महंगाई भत्ते की तीन किस्तें यानि 12% लंबित है। कोरोना काल वर्ष 2020 में 3 किस्तें 11% जो लंबित रखी गई थी, उसे बाद में भारत सरकार ने वर्ष 2021.22 में एक मुश्त 11 प्रतिशत जारी किया, जबकि हिमाचल में सिर्फ 6% का ही भुगतान किया गया , बकाया 5% डीए पूर्व सरकार के समय का आज तक भी कर्मचारियों को नहीं मिला है।डीए में देरी के चलते कर्मियों में नाराजगी बढ़ती जा रही है। अगर सरकार 4% डीए की किस्त जारी करती है तो कर्मचारियों को 8000 मिलेंगे, जिससे खजाने पर करीब 550 करोड़ का बोझ पड़ेगा।