83 वर्ष की उम्र में उड़िया गायक प्रफुल्ल कर ने ली अंतिम सांस, 

Amit Sengar
Published on -

नई दिल्ली,डेस्क रिपोर्ट। उड़िया गायक (Odia Singer) और संगीत निर्देशक प्रफुल्ल कर (Pafulla Kar) का रविवार (17 अप्रैल) निधन हो गया। उनकी उम्र 83 वर्ष थी। बता दें कि रविवार रात उनके सीने में भोजन करने के बाद दर्द हुआ था और इसके कुछ ही देर बाद उनका उनके सत्य नगर आवास में निधन हो गया। पीएम नरेंद्र मोदी, ओडिशा के राज्यपाल, मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और कई अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने कार के निधन पर शोक व्यक्त किया।

यह भी पढ़े…आखिर क्यों दिया कांग्रेस ने शिवराज के मंत्री को धन्यवाद ! की यह माँग

आपको बता दें कि कला के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए प्रफुल्ल को कई बार सम्मानित किया गया है। साल 2004 में उन्हें जयदेव पुरस्कार और साल 2015 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया था। 16 फरवरी, 1939 को पुरी में जन्मे प्रफुल्ल एक प्रख्यात संगीतकार, गायक, गीतकार, लेखक और स्तंभकार थे। उन्होंने ‘कमला देशा राजकुमारा’ समेत कई लोकप्रिय गीत दिए।

यह भी पढ़े…शराब के मुद्दे पर BJP विधायक अजय विश्नोई ने घेरा अपनी ही सरकार को

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर लिखा,”श्री प्रफुल्ल कर जी के निधन से मैं दुखी हूं। उन्हें उड़िया संस्कृति और संगीत में उनके अग्रणी योगदान के लिए याद किया जाएगा। उन्हें अलग-अलग किरदारों में फिट होने का आशीर्वाद मिला हुआ था और उनकी रचनात्मकता उनके कार्यों में साफ दिखाई देती थी। उनके परिवार और प्रशंसकों को मेरी संवेदना। ओम शांति।”

यह भी पढ़े…IPL मैच में पृथ्वी शॉ ने लगाए एक ही ओवर में 6 बाउंड्री, देखें और कौन है इस लिस्ट में शामिल

मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने ट्वीट कर लिखते हैं, “मैं प्रसिद्ध संगीतकार प्रफुल्ल कर के निधन के बारे में जानकर दुखी बहुत हूं। उनके निधन को उड़िया संगीत की दुनिया में एक युग के अंत की तरह देखा जाएगा। प्रफुल्ल की अनूठी संगीत शैली ने उन्हें हमेशा के लिए लोगों के दिलों में अमर कर दिया है। मैं उनके शोक में डूबे परिवार के प्रति पूरी संवेदना रखता हूं।”


About Author
Amit Sengar

Amit Sengar

मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

Other Latest News