नई दिल्ली| जिस आतंकी मौलाना मसूद अजहर को लेकर पाकिस्तान झूठ बोलता रहा है, अब उसी देश के विदेश मंत्री ने शाह महमूद कुरैशी ने इस बात को स्वीकार किया है कि मसूद अजहर पाकिस्तान में है। पाकिस्तान ने मसूद पर कार्रवाई के सवाल पर भारत से सबूतों की मांग की। जबकि पुलवामा हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन के जैश-ए-मोहम्मद ने ली है, और इस संगठन का हेड मसूद अजहर है| इसके बाद भी पाकिस्तान को सबूत की चाहत है| एयर स्ट्राइक के बाद दोनों देश को बीच बने माहौल के दौरान भारत समेत पूरा अंतरराष्ट्रीय समुदाय पाकिस्तान पर आतंक के खिलाफ कार्रवाई का दबाव बना रहा है। लेकिन दूसरी तरफ पैंतरेबाजी भी जारी है| अब उसने पुलवामा आत्मघाती हमले की जिम्मेदारी लेने वाले आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर के खिलाफ कार्रवाई के सवाल पर भारत से सबूत की मांग की है।
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने इस बात को स्वीकार किया है कि मसूद अजहर पाकिस्तान में है। उन्होंने टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा कि उनके पास जो सूचना है उसके मुताबिक मसूद अजहर पाकिस्तान में है और काफी बीमार है। कुरैशी के मुताबिक वो इतना बीमार है कि अपने घर से बाहर भी नहीं निकल सकता। जब इंटरव्यू के दौरान कुरैशी से एंकर ने पूछा कि क्या पाकिस्तान मसूद अजहर को गिरफ्तार करेगा? तो कुरैशी ने कहा कि अगर भारत के पास सबूत है तो साझा करे, ताकि पाकिस्तानी लोगों और न्यायालय को संतुष्ट किया जा सके।
पुलवामा हमले में भारतीय सेना के चालीस जवान शहीद हो गए थे| इस हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन के जैश-ए-मोहम्मद ने ली है| मौलाना मसूद अजहर आंतकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का प्रमुख है। ये वही मौलाना मसूद अजहर है जिसे 17 साल पहले 1999 में कंधार विमान अपहरण मामले में भारत ने रिहा किया था। अगर 1999 में खूंखार आतंकवादी मसूद अजहर को छोड़ा नहीं गया होता, तो शायद देश में हुए कई बड़े आतंकी हमले न हुए होते। पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को एक डॉजियर सौंपा है। जिसमें इस हमले के पीछे जैश-ए-मोहम्मद का हाथ होने के पुख्ता सबूत हैं। वहीं ये आतंकी संगठन खुद भी हमले की जिम्मेदारी ले चुका है लेकिन बावजूद इसके पाकिस्तान सबूत की मांग कर रहा है।
कौन है मसूद अजहर
इस हमले का जिस आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद ने जिम्मेदारी ली है उसका प्रमुख मसूद अजहर है. पंजाब में जन्मे मौलाना मसूद अजहर को भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने आतंकीवादी गतिविध के मामले में पहली बार साल 1994 में गिरफ्तार किया गया था| मसूद अजहर का जन्म पाकिस्तान के बहावलपुर में हुआ| उसकी पढ़ाई कराची के जामिया उलूम उल इस्लामिया में हुई और वह हरकत-उल-अंसार से जुड़ गया और यहीं से उसने आतंकी गतिविधियां शुरू की| वह 1994 के करीब श्रीनगर आ गया| उसे उसी साल फरवरी में गिरफ्तार कर लिया गया और जेल में डाल दिया गया| आतंकियों ने मसूद अजहर को छुड़ाने की कोशिश शुरू की| 1995 में जम्मू-कश्मीर से कुछ विदेशी पर्यटकों को अगवा कर लिया गया| आतंकियों ने पर्यटकों को छोड़ने के बदल मसूद अजहर को जेल से रिहा करने की मांग शुरू की. लेकिन आतंकियों की चंगूल से एक विदेशी पर्यटक फरार हो गया. बाद में आतंकियों ने सभी पर्यटकों की हत्या कर दी|
कंधार विमान हाईजैक के बदले रिहा करना पड़ा
मसूद अजहर को छुड़ाने के लिए उसके साथी आतंकियों ने ने दिसंबर 1999 में इंडियन एयरलाइंस के फ्लाइट IC814 को हाईजैक कर अफगानिस्तान के कंधार ले गए थे| भारतीय पैसेंजरों की जान बचाने के लिए भारत सरकार को आतंकियों से समझौता करना पड़ा था और पैसेंजरों के बदले मसूद अजहर को रिहा करना पड़ा था| दरअसल, दिसंबर 1999 में काठमांडू एयरपोर्ट से इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट, नई दिल्ली जाने वाली भारतीय विमान IC814 को आतंकियों ने हाईजैक कर लिया और विमान को लेकर अफगानिस्तान के कंधार चले गए, विमान में कुल 178 सवार थे. आतंकियों ने यात्रियों को छोड़ने के बदले मसूद अजहर, अहमद उमर सईद शेख और मुश्ताक अहमद ज़रगर को रिहा करने की मांग की. पूरे हाईजैक के पीछे मसूद अजहर के छोटे भाई अब्दुल रऊफ असगर का हाथ था| तमाम चर्चाओं के बाद अजहर समेत तीनों आतंकियों को जम्मू की कोट भलवाल कारावास से निकालकर कंधार ले जाया गया| जिसके बाद आतंकियों ने सभी यात्रियों को रिहा कर दिया| मसूद अजहर ने उसके बाद साल 2000 में जैश-ए-मोहम्मद का गठन किया और वह लगातार कश्मीर में युवाओं को भड़काने और आजादी की बात करता आ रहा है|
संसद हमला
13 दिसंबर, 2001 को भारतीय संसद पर हुए हमले के पीछे भी लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मुहम्मद के आतंकियों का हाथ। इस हमले में 6 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे, जबकि तीन संसद भवन कर्मी भी मारे गए। संसद हमले का दोषी अफजल गुरु भी जैश से जुड़ा था। उसे 10 फरवरी 2013 में फांसी दी गई थी।
साल 2008 मुंबई हमला
26 नवंबर 2008 को मुंबई में समुद्र के रास्ते आए 10 आतंकियों ने 72 घंटे तक खूनी तांडव मचाया था और इस हमले में 166 लोग मारे गए थे. इस हमले का मास्टर माइंड भी मसूद अजहर ही था और उसी के संगठन ने हमले की जिम्मेदारी भी ली थी. इस हमले में भारतीय सुरक्षा बलों ने कार्रवाई करते हुए 9 आतंकियों को मार गिराया था जबकि 1 आतंकी अजमल कसाब को फांसी की सजा दी गई थी.
साल 2016 पठानकोट हमला
31 दिसंबर 2015 की रात को जहां पूरी दुनिया और भारत नए साल के स्वागत में जुटा था उसी वक्त जैश ए मोहम्मद के कुछ आतंकी पठानकोट एयरबेस में घुस आए और वायुसेना के सामरिक सुरक्षा के हथियारों और फाइटर जेट पर हमले की कोशिश शुरू कर दी. ये आतंकी हमले के वक्त पाकिस्तान में अपने आका से सीधे संपर्क में थे और उन्हीं के दिशा निर्देश पर घटना को अंजाम दे रहे थे. इस हमले में वायुसेना और एनएसजी के कुल 7 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए थे और करीब दो दिनों की मुठभेड़ के बाद सभी आतंकियों को मार गिराया गया था. मोहाली की एक विशेष अदालत ने गुरुवार को जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के सरगना मसूद अजहर और तीन अन्य को पठानकोट हवाईअड्डा हमला मामले में अपराधी घोषित कर दिया. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) अदालत ने पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन जेईएम के सरगना अजहर के अलावा उनके भाई मुफ्ती राउफ असगर और उनके साथियों शाहिद लतीफ और काशिफ जन को भी अपराधी घोषित किया है|
उरी हमला
18 सितंबर, 2016 में कश्मीर के उरी स्थित सैन्य ठिकाने पर हुए हमले में भी जैश का हाथ रहा है। उरी हमले में 18 सैनिक शहीद हो गए थे। इस हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्राइक की थी और पीओके में घुसकर कई आतंकी ठिकानों का खात्मा कर दिया था।
-पुलवामा आतंकी हमले की जिम्मेदारी लेने वाले जैश-ए-मुहम्मद का आका है मौलाना मसूद अजहर।
-मसूद का जन्म पाकिस्तान के बाहावलपुर में 1968 को हुआ था।
-11 भाई-बहनों में अजहर 10वें नंबर का है।
-अजहर के पिता सरकारी स्कूल में हेडमास्टर थे, उसका परिवार डेयरी का करोबार भी करता था।
-मौलाना मसूद अजहर की पढ़ाई कराची के जामिया उलूम अल इस्लामिला में हुई।
-अजहर का संबंध हरकत-उल अंसार से भी रहा है।
-पहली बार अजहर को 1994 में गिरफ्तार किया गया था।
-भारत के मोस्ट वांटेड आतंकी की सूची में शामिल अजहर