SAHARA: हाईकोर्ट का कड़ा रुख- सुब्रत राय के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी

Pooja Khodani
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पटना, डेस्क रिपोर्ट। SAHARA.बिहार की राजधानी पटना से बड़ी खबर मिल रही है। पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने सहारा के खिलाफ प्रमुख सुब्रत राय (Sahara chief Subrata Roy) के खिलाफ बड़ा फैसला लिया है। पटना हाई कोर्ट ने समन भेजने के बावजूद अदालत में पेश नहीं होने पर सहारा ग्रुप के चेयरमैन सुब्रत रॉय के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया है। गिरफ्तारी वारंट की प्रति बिहार के अलावा उत्‍तर प्रदेश और दिल्‍ली के पुलिस प्रमुखों को भी भेजी जाएगी।

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दरअसल, सहारा प्रमुख सुब्रतो राय को 13 मई शुक्रवार को हाई कोर्ट में हाजिर होने के आदेश दिए गए थे, जिसका पालन न करने पर हाईकोर्ट ने यह कड़ी कार्रवाई की है। उच्‍च न्‍यायालय के आदेश के बावजूद सुब्रत रॉय शुक्रवार को कोर्ट में पेश में नहीं हुए, जिसके बाद मामले की सुनवाई कर रही पीठ ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया। चिटफंड कंपनी सहारा ग्रुप के चेयरमैन सुब्रत राय के खिलाफ पटना हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया है ।

इस मामले में 2 हजार से ज्यादा निवेशकों ने पटना हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी कि सहारा इंडिया कंपनी के द्वार विभिन्न सोसाइटीज में उनका पैसा निवेश कराया गया है । सहारा में निवेश करने वालों का आरोप है कि मैच्‍योरिटी की अवधि बीत जाने के बाद भी उनका पैसा नहीं लौटाया जा रहा है। इस पर पटना हाईकोर्ट ने सुब्रत राय को व्यक्तिगत रुप से उपस्थित होकर मामले की पूरी जानकारी देने के लिए कहा था लेकिन आदेश का पालन न होने पर आज शुक्रवार  उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है।

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वही पटना हाई कोर्ट में दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए पीठ ने सुब्रत रॉय को पेश होने के साथ ही यह भी बताने को कहा था कि कंपनी निवेशकों का पैसा कैसे लौटाएगी इसकी रूपरेखा बताए, लेकिन कोई जवाब पेश नही किया गया, जिसके बाद हाईकोर्ट ने कड़ा रूख अपनाया और गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया।  यह गिरफ्तारी वारंट तीन राज्य के पुलिस महानिदेशक ओं को भेजा जाएगा बिहार के साथ-साथ उत्तर प्रदेश और दिल्ली के दिल्ली प्रमुख के पास भी गिरफ्तारी वारंट भेजा जाएग।


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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