उपराज्यपाल सचिवालय के मुताबिक, यह सभी आवेदन साल 2016 से लंबित पड़े हुए थे, जिसमें 2016 में 18, 2017 में 26, 2018 में 83, 2019 में 25, 2020 में 4 और 2021 में 74 आवेदनों पर श्रम विभाग ने किसी कारणवश इसमें कोई कार्रवाई नहीं की थी. उन्होंने यह भी बताया कि 2017 और 2021 में एक-एक आवेदन को अनुमोदन के लिए भेजा गया.
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वीके सक्सेना ने प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए कहा कि, “दिल्ली सरकार के श्रम विभाग का रवैया इस मामले में अनप्रोफेसनल रहा है। जिसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाशत नहीं की जाएगी। वहीं, अधिकारियों का कहना है कि, उपराज्यपाल ने सख्ती से सलाह दी है कि इस तरह की एप्लीकेशन को तय सीमा के भीतर निपटाया जाए ताकि इन्वेस्टर्स के अनुकूल माहौल बना रहे और दिल्ली के व्यापारिक समुदाय को लाभ हो। साथ ही, इस फैसले से शहर में बहुप्रतीक्षित नाइटलाइफ को बढ़ावा मिलेगा. इसके लिए उपराज्यपाल ने श्रम विभाग को निर्देश दिया है कि, अब इस तरह की देरी न हो, ट्रांसपेरेंसी और प्रभावी निगरानी रखने के लिए एक सिस्टम विकसित किया जाए, देरी होने की वजह का पता लगाया जाए.
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इस फैसले को रोजगार की दृष्टि से भी लिया गया है। बता दें होटल रेस्टोरेंट खाने-पीने संबंधित ऑनलाइन डिलीवरी, दवा दुकान समेत ट्रैवल 24 घंटे खुले रहने से युवाओं को रोजगार का अवसर प्राप्त होगा। इससे भारत की आर्थिक व्यवस्था में भी सुधार होगा और इसके साथ ही लोगों को भी 24 घंटे सुविधा मिलती रहेगी और उन्हें किसी भी प्रकार की परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा।
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