पीएम नरेंद्र मोदी ने दिखाई “नमो भारत” ट्रेन को हरी झंडी, ये है देश की पहली रैपिड ट्रेन, जानें खासियत, किराया और टाइमटेबल

Manisha Kumari Pandey
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Namo bharat train

Namo Bharat Train: नवरात्रि के शुभ अवसर पर पीएम नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को पहली रैपिड ट्रेन की सौगात दी है। इसका नाम “नमो भारत” रखा गया है। प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को भारत में रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम का उद्घाटन किया। साथ ही दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ रैपिड ट्रांजिट सिस्टम पर साहिबाबाद और दुहाई डिपो को जोड़ने वाली रैपिड-एक्स ट्रेन (Rapid X) को हरी झंडी दिखाई। 21 अक्टूबर शनिवार को इसे आम जनता के लिए शुरू किया जाएगा।

पीएम नरेंद्र मोदी ने दिखाई "नमो भारत" ट्रेन को हरी झंडी, ये है देश की पहली रैपिड ट्रेन, जानें खासियत, किराया और टाइमटेबल

नमो भारत ट्रेन का समय और किराया 

नमो भारत ट्रेनें सुबह 6 बजे से रात 11 बजे के बीच चलेगी। हर 15 मिनट पर एक उपलब्ध चलेगी। साहिबाबाद से दुहई के लिए 50 रुपये किराया निर्धारित किया गया है। वहीं प्रीमियम क्लास के लिए नागरिकों को 100 रुपये का भुगतान करना होगा।

नमो भारत ट्रेन की खासियत

ट्रेन को कई सुविधाओं से लैस किया गया है। पीएमओ के बयान के मुताबिक ये ट्रेन गाजियाबाद, मुरादाबाद और मोदीपुरम के शहरी केंद्रों से गुजरते हुए एक घंटे से कम समय में दिल्ली से मेरठ के बीच 82 किलोमीटर की दूरी तय करेगी। ये ट्रेनें स्वदेशी रूप से निर्मित की गई है। ये 180 kmph स्पीड क्षमता रखती हैं। फुली एसी नमो भारत ट्रेनों को पैसेंजर के कम्फर्ट और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया है।

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ट्रेन के लिए जल्द लॉन्च होगा ऐप

करीब 30 हजार करोड़ रुपये की लागत से रैपिडएक्स गलियारा तैयार सरकार द्वारा किया जा रहा है। आने वाले समय में हर 5 मिनट पर नमो भारत ट्रेनें उपलब्ध हो सकती हैं। जल्द ही पीएम मोदी रैपिड एप भी लॉन्च कर सकते हैं। इस ऐप पर ट्रेन के बुकिंग, किराए और लोकेशन समेत अन्य जानकारी यात्रियों के लिए उपलब्ध होगी। इसके अलावा कम्युटर कार्ड भी लॉन्च हो सकता है।

 

 

 

 

 


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पत्रकारिता जनकल्याण का माध्यम है। एक पत्रकार का काम नई जानकारी को उजागर करना और उस जानकारी को एक संदर्भ में रखना है। ताकि उस जानकारी का इस्तेमाल मानव की स्थिति को सुधारने में हो सकें। देश और दुनिया धीरे–धीरे बदल रही है। आधुनिक जनसंपर्क का विस्तार भी हो रहा है। लेकिन एक पत्रकार का किरदार वैसा ही जैसे आजादी के पहले था। समाज के मुद्दों को समाज तक पहुंचाना। स्वयं के लाभ को न देख सेवा को प्राथमिकता देना यही पत्रकारिता है।अच्छी पत्रकारिता बेहतर दुनिया बनाने की क्षमता रखती है। इसलिए भारतीय संविधान में पत्रकारिता को चौथा स्तंभ बताया गया है। हेनरी ल्यूस ने कहा है, " प्रकाशन एक व्यवसाय है, लेकिन पत्रकारिता कभी व्यवसाय नहीं थी और आज भी नहीं है और न ही यह कोई पेशा है।" पत्रकारिता समाजसेवा है और मुझे गर्व है कि "मैं एक पत्रकार हूं।"

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