उत्तराखंड, डेस्क रिपोर्ट। केदारनाथ मंदिर (kedarnath temple) के बाहर पुजारियों (priests) द्वारा किए जा रहा विरोध अब काफी बढ़ता जा रहा है। केदारनाथ मंदिर के पुजारी, संतोष त्रिवेदी ने विरोध (protest) जताने के लिए बुधवार को शीर्षासन (shirshasana) की मुद्रा धारण की और उनका कहना है कि यदि सरकार चार धाम पुजारियों की मांग को पूरा नहीं करते हैं तो वे अगले 7 दिन तक इसी मुद्रा में रहेंगे। बता दें कि चार धाम पुजारियों की सरकार (government) से मांग है कि चार-धाम देवस्थानम बोर्ड (devasthanam board) को भंग किया जाए। इसी सिलसिले में कई दिन से केदारनाथ मंदिर के बाहर पुजारी अपनी मांग मनवाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। पुजारी संतोष त्रिवेदी ने ये भी कहा कि यदि सरकार हमारी मांग को जल्द ही पूरा नहीं करती है तो विरोध प्रदर्शन और भी तेज हो जाएगा।
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बीते 2 दिनों में चारधाम पुजारियों के विरोध ने तूल पकड़ा है। कुछ दिन पहले गंगोत्री और यमुनोत्री के पुजारियों ने विरोध जताते हुए हाथ में काली पट्टी बांधकर पूजा की थी। पुजारी संतोष त्रिवेदी ने कहा, ” ये सरकार हमारी मांगें पूरी करने में दिलचस्प नहीं है। ये सिर्फ हमें बहलाने के लिए झूठे वादे करते हैं। इस बार जब तक देवस्थानम बोर्ड भंग नहीं हो जाता हम इनके सामने नहीं झुकेंगे।”
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उल्लेखनीय है कि अप्रैल में हुए विश्व हिन्दू परिषद के मार्गदर्शक मंडल कार्यक्रम में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा था कि सरकार चार धाम देवस्थानम बोर्ड एक्ट से 51 मंदिरों को विमुक्त करेगी। जिससे नौकरशाहों के हाथ में गया तीर्थस्थानों का कंट्रोल वापस पुजारियों के पास आजाएगा।
बता दें कि देवस्थानम बोर्ड एक्ट त्रिवेंद्र रावत की सरकार में लागू किया गया था जिसके बाद वर्तमान में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह यादव ने तीर्थ पुरोहितों से भी इस एक्ट पर पुनः विचार करने का वादा किया था। लेकिन अब तक ऐसा नहीं होने से पुजारी अब प्रदर्शन पर उतर आए हैं।