राम मंदिर में पुजारियों की नियुक्ति के लिए आवेदन की प्रक्रिया जारी, 31 अक्टूबर अंतिम तारीख, जानें योग्यता और आयु-पात्रता

Shashank Baranwal
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Ram Mandir

Ram Mandir: अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण कार्य चल रहा है। राम मंदिर में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी 2024 को होने वाली है। वहीं राम मंदिर के उद्घाटन समारोह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हो सकते हैं। राम मंदिर उद्घाटन के पहले ही पुजारियों की नियुक्तियों के लिए तैयारियां की जा रही है। पुजारियों की नियुक्ति श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की तरफ से की जाएगी। इसके लिए ट्रस्ट की तरफ से अधिसूचना भी जारी की गई है। जिसमें पुजारियों की नियुक्ति के लिए आवेदन की मांग की गई है।

अयोध्या क्षेत्र के उम्मीदवारों को दी जाएगी वरीयता

राम मंदिर में पुजारियों की नियुक्ति के लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट की तरफ से ऑनलाइन आवेदन की मांग की गई है। आवेदन की अंतिम तारीख 31 अक्टूबर 2023 निर्धारित की गई है। पुजारियों की नियुक्ति में किसी भी प्रकार का भेदभाव न हो इसके लिए बकायदा प्रवेश परीक्षा का आयोजन किया जाएगा। वहीं पुजारियों की नियुक्तियों के लिए मांगे गए आवेदनों में अयोध्या क्षेत्र के आवेदकों को वरीयता दी जाएगी।

6 महीने तक दिया जाएगा प्रशिक्षण

राम मंदिर में पुजारियों के रूप में चयनित होने वाले उम्मीदवारों को 6 महीने तक प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस दौरान उम्मीदवारों को रहने खाने की सुविधा के साथ 2000 रुपए प्रति माह छात्रवृत्ति भी दी जाएगी। जिसके बाद सबसे उत्कृष्ट उम्मीदवार को राम मंदिर में नियुक्त किया जाएगा।

योग्यता और आयु-पात्रता

राम मंदिर में पुजारियों की नियुक्ति के लिए ट्रस्ट की तरफ से आवेदकों को लिए कुछ योग्यताएं भी निर्धारित की गई हैं। आवेदन करने वाले उम्मीदवार गुरुकल शिक्षा पद्धति के तहत पढ़ाई की हो और साथ ही 6 महीने तक श्रीरामनंदनीय दीक्षा ली हो। वहीं आवेदन करने वाले उम्मीदवारों की आयु 20 साल से लेकर 30 साल के बीच में निर्धारित की गई है।

 


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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है– खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालो मैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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