9 महीनों में 5% तक बढ़ गया रेलवे का पूंजीगत व्यय, 21,800 किलोमीटर के ट्रैक को 130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार के लिए तैयार किया गया

मंत्रालय की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय रेलवे के 21,800 किलोमीटर के ट्रैक को अब 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार के लिए तैयार कर दिया गया है। बता दें कि यह रफ्तार वंदे भारत ट्रेन के बराबर है।

Rishabh Namdev
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भारतीय रेलवे की गति को और बढ़ाते हुए, अब 21,800 किलोमीटर से अधिक के ट्रैक को 130 किलोमीटर प्रति घंटे की सेमी हाई-स्पीड ट्रेन चलाने के लिए तैयार किया गया है। इसकी जानकारी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर साझा की। जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि मवेशियों को ट्रैक से बचाने के लिए करीब 14,000 किलोमीटर की फेंसिंग भी की गई है, जिसके चलते अब इन ट्रेनों की स्पीड वंदे भारत ट्रेनों के बराबर यानी 130 किलोमीटर प्रति घंटे की हो गई है।

दरअसल, रेलवे की ओर से ट्रेनों की स्पीड को 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार तक बढ़ाने के लिए 14,000 किलोमीटर ट्रैक की फेंसिंग को महत्वपूर्ण बताया गया है। इससे ट्रेनों की गति और बढ़ाई जा सकी है।

16 रेलवे जोनों में इस गति को बढ़ाने के लिए ट्रैक तैयार

ट्रेनों की स्पीड बढ़ जाने से अब यात्री अपने स्थान तक जल्दी पहुंच सकेंगे। इसके साथ ही, स्पीड बढ़ने से अधिक ट्रेनों का संचालन भी किया जा सकेगा। जानकारी के मुताबिक, 16 रेलवे जोनों में इस गति को बढ़ाने के लिए ट्रैक तैयार किया गया है। इनमें पूर्वी रेलवे, उत्तर रेलवे, दक्षिण-पूर्वी रेलवे और अन्य जोन शामिल हैं। जानकारी के अनुसार, कुल 1,03,365 किलोमीटर के रेलवे ट्रैक में से इन जोनों के ट्रैक तैयार किए गए हैं। हालांकि, जिन जोनों में सेमी हाई-स्पीड ट्रैक शामिल नहीं है, उनमें पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे, पूर्वोत्तर रेलवे और दक्षिण-पश्चिम रेलवे शामिल हैं। इन ट्रैकों पर गति को 130 किलोमीटर प्रति घंटे तक ले जाना फिलहाल संभव नहीं है। बता दें कि वंदे भारत ट्रेन आमतौर पर 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलती है।

रेलवे के पूंजीगत व्यय में पांच प्रतिशत से अधिक की बढ़त

रेलवे रिपोर्ट के मुताबिक, पहले 54,337 किलोमीटर के ट्रैक पर ट्रेनें 110 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने के लिए उपयुक्त थीं। लेकिन अब इसे 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार तक पहुंचा दिया गया है। आमतौर पर भारत में ट्रेनों की स्पीड 100 किलोमीटर प्रति घंटे होती है, जिन्हें अक्सर ग्रुप बी लाइन कहा जाता है। मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जानकारी दी कि अप्रैल-दिसंबर के वित्त वर्ष 2025 में रेलवे के पूंजीगत व्यय में पांच प्रतिशत से अधिक की बढ़त हुई है, जो अब 1.97 लाख करोड़ रुपए हो गया है। इससे पहले यह व्यय 1,87,466 करोड़ रुपए था।


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मैंने श्री वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय इंदौर से जनसंचार एवं पत्रकारिता में स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। मैं पत्रकारिता में आने वाले समय में अच्छे प्रदर्शन और कार्य अनुभव की आशा कर रहा हूं। मैंने अपने जीवन में काम करते हुए देश के निचले स्तर को गहराई से जाना है। जिसके चलते मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार बनने की इच्छा रखता हूं।

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