नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। सेना में भर्ती के लिए नई योजना अग्निपथ की घोषणा के बाद से देश का माहौल हिंसक हो गया है, जो युवा हाथ में बंदूक लेकर देश की सेवा करना चाह रहे थे, वो ही आज हाथ में लाठियां और पत्थर लेकर देश की सार्वजानिक संपत्ति को नुकसान पहुंचा रहे है।
संबंधित राज्य के पुलिस बल हालातों को नियंत्रित करने की कोशिश में लगे हुए है, इस बीच वह हवाई फायरिंग और आंसू गैस के गोले का इस्तेमाल कर रहे है। इस दौरान ही तेलंगाना के सिकंदराबाद में प्रदर्शन पर काबू पाने के लिए पुलिस ने फायरिंग, जिससे निकली गोली राकेश नाम के एक अभ्यर्थी को जा लगी और उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
दरअसल, राकेश पर सेना में सेवाए देने का भूत सवार था, लेकिन दुश्मन की गोली से शहीद होने की इच्छा रखने वाला राकेश अपने देश की पुलिस की गोली का ही शिकार हो गया। राकेश के घरवालों ने कहा कि जिस बेटे को सीमा पर दुश्मनों से लोहा लेना था वह हमारी अपनी पुलिस की गोली से मार दिया गया।
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वह अपनी बहन की तरह सेना में भर्ती होने की तैयारियों में जुटा था। उसने फिटनेस परीक्षा भी पास कर ली थी लेकिन कोरोना के कारण लिखित परीक्षा नहीं हो पाई और अब अग्निपथ योजना का ऐलान हो गया। राकेश की बहन बीएसफ में कार्यरत है और कोलकाता में तैनात है।
सदमे में परिवार
राकेश की मौत की खबर से सुनकर राकेश के परिवार को झटका लगा। उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात का बिल्कुलअंदाजा नहीं था कि उनका बेटा सैकड़ों अन्य लोगों के साथ केंद्र की अग्निपथ योजना के विरोध में सिकंदराबाद गया था।
उन्होंने आगे कहा, “राकेश अपनी बहन से बहुत प्रेरित था और उसके साथ बीएसएफ और अन्य केंद्रीय बलों के बारे में अक्सर चर्चा करता था। वह राष्ट्र की सेवा करना चाहता था और लिखित परीक्षा का इंतजार कर रहा था ताकि वह आखिरकार अपने सपने को पूरा कर सके। मुझे अभी तक विश्वास नहीं हो रहा है। क्या हुआ है?”
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राकेश के घर के बाहर जमा हुए ग्रामीणों ने भी उसकी सेना में भर्ती होने की उत्सुकता के बारे में बताया।
आपको बता दे, देश में अभी भी हिंसक प्रदर्शन जारी है। शुक्रवार को सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन पर उपद्रवियों ने भारी उत्पात मचाया था और ट्रेन फूंकी थी। हिंसा के चलते रेलवे ने 72 ट्रेनें रद्द कर दी थी।