पेंशनरों के लिए राहत भरी खबर,पेंशन भुगतान पर अपडेट, इस दिन खाते में आएगी राशि

पेंशन की राह देख रहे करीब दो लाख पेंशनर्स को अभी 4 दिन और इंतजार करना होगा। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि सेवानिवृत कर्मचारियों की पेंशन 10 सितंबर को खाते में आएगी।

Pooja Khodani
Published on -
pensioners pension hike

HP Employees Pensioners Salary Pension : हिमाचल प्रदेश के 2 लाख से ज्यादा कर्मचारियों के लिए राहत भरी खबर है। सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू के बयान के बाद गुरूवार को कर्मचारियों के खाते में सैलरी पहुंच गई है। राज्य के इतिहास में यह पहली बार हुआ है कि जब सरकारी कर्मचारियों को 5 सितंबर को वेतन दिया गया है।चुंकी अबतक हर महिने की 1 तारीख को सैलरी पेंशन जारी की जाती है।

दरअसल, हाल ही में हिमाचल प्रदेश विधानसभा में सीएम सुखविंद्रर सिंह सुक्खू ने ऐलान किया था कि कर्मचारियों को 5 सितंबर को सैलरी और पेंशनरों को 10 सितंबर को पेंशन दी जाएगी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक,  5 सितंबर को कर्मचारियों के खातों में सैलरी जारी कर दी गई है और अब पेंशनरों को पेंशन का इंतजार है। बता दे कि वेतन पर हर माह 1,200 करोड़ और पेंशन पर 800 करोड़ रुपये खर्च किए जाते हैं। यानी वेतन और पेंशन पर कुल व्यय 2,000 करोड़ होता है।

CM ने 5 को सैलरी और 10 सितंबर को पेंशन देने का किया था ऐलान

गौरतलब है कि आज बुधवार को हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र में विपक्ष द्वारा कर्मचारियों पेंशनरों के सैलरी पेंशन को लेकर उठाए गए सवाल पर जवाब देते हुए कहा कि सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा था कि प्रदेश के कर्मचारियों को इस महीने वेतन पांच तारीख यानि 5 सितंबर तथा पेंशनरों को पेंशन 10 सितंबर को दी जाएगी। इससे राज्य सरकार ने उठाए गए कर्ज पर ब्याज राशि बचाने का प्रयास किया है।यह बचत तीन करोड़ मासिक और 36 करोड़ रुपये सालाना होगी।

वित्त सचिव ने लिखा पत्र

इधर, विशेष सचिव वित्त रोहित जमवाल ने राज्य स्तरीय बैंकर्स कमेटी के उप महाप्रबंधक और डीजीएम को एक पत्र लिखकर राज्य सरकार के कर्मचारियों के वेतन और पेंशन के उनके खातों में आने तक EMI पर पेनल्टी या ब्याज ना लेने की बात कहीं है। यह पत्र हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवाएं कर्मचारी महासंघ के अनुरोध पर भेजा गया है।


About Author
Pooja Khodani

Pooja Khodani

खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

Other Latest News