School Holidays : छात्रों के लिए राहत भरी खबर, शुरू हुई गर्मी की छुट्टियां, जानें कितने दिन बंद रहेंगे और कब खुलेंगे?

दिल्ली के स्कूलों में गर्मी की छुट्टियां 11 मई से शुरू हो गई है और 30 जून को खत्म होंगी। हालांकि, शिक्षकों को 28 जून से स्कूलों में रिपोर्ट करना होगा।

School Holiday 2025 : स्कूली छात्रों के लिए राहत भरी खबर है। मई का महीना लगते ही कई राज्यों में समर वेकेशन शुरू हो गया है। अब स्कूल 15 या 30 जून के आसपास खुलेंगे। इसके अलावा  पंजाब के फिरोजपुर इलाके में आज सोमवार को स्कूल बंद रखने के आदेश जारी हुए हैं।यूपी बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा भी बुद्ध पूर्णिमा पर अवकाश घोषित किया गया है

गर्मी की छुट्टियों के अलावा मई महीने में भी रविवार के साथ कई दिन अलग अलग तारीखों पर स्कूल बंद रहेंगे। 12 मई बुद्ध पूर्णिमा ,18 मई को रविवार 24 मई को काजी नजरुल इस्लाम जयंती, 25 मई को रविवार औक 30 मई 2025 को श्री गुरु अर्जुन देव जी का शहीदी दिवस​ के चलते स्कूल बंद रहेंगे।हालांकि ये छुट्टियां अलग अलग राज्यों के हिसाब से अलग अलग रहेंगी।

इन राज्यों में शुरू हुई गर्मी की छुट्टियां

  • मध्य प्रदेश में स्कूली छात्रों की 1 मई से गर्मी की छुट्टियां शुरू हो गई है जो 15 जून तक चलेगी।यह छुट्टियां राज्य में सभी प्राइवेट एवं सरकारी स्कूलों पर एक साथ लागू है।छत्तीसगढ़ में भी 15 जून 2025 तक गर्मी की छुट्टी रहेगी।
  • दिल्ली के स्कूलों में गर्मी की छुट्टियां 11 मई से शुरू हो गई है और 30 जून को खत्म होंगी। हालांकि, शिक्षकों को 28 जून से स्कूलों में रिपोर्ट करना होगा।
  • तमिलनाडु में कक्षा 1 से 12वीं का समर वेकेशन शुरू हो गया है जो 1 जून तक चलेगा।

जानें इन राज्यों कब से समर वेकेशन?

  • झारखंड शिक्षा विभाग के जारी वार्षिक कैलेंडर के मुताबिक, इस बार गर्मी की छुट्टियां 22 मई से शुरू होकर 4 जून 2025 तक रहेंगी।
  • हिमाचल प्रदेश के स्कूलों में इस बार समर वेकेशन 12 जुलाई से 12 अगस्त तक 32 दिन रहेगा। पहले 22 जून से 29 जुलाई तक 38 दिन का होता था। अप्रैल की 4 छुट्टियां बंद कर दी गई हैं, इसकी जगह 1 से लेकर 8 जून तक समर ब्रेक मिलेगा। नालागढ़, फतेहपुर, नगरोटा सूरियां, इंदौरा, पौंटा साहिब, कालाअंब और ऊना जिला के स्कूलों में 1 से 30 जून तक 30 दिन समर हॉलिडे होगा।

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Pooja Khodani

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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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