कर्मचारियों-आशा वर्करों के लिए राहत भरी खबर, मानदेय भुगतान को लेकर जारी हुए ये निर्देश

लोकसभा चुनाव में ड्यूटी करने वाली पंजाब की मिड डे मील और आशा वर्करों को 200 रुपये प्रति दिन के हिसाब के साथ मानदेय-मान भत्ता दिया जाएगा।

Pooja Khodani
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Employees/Worker Honorarium Payment: कर्मचारियों, मिड डे मील और आशा वर्करों के लिए अच्छी खबर है। लोकसभा चुनाव में ड्यूटी करने वाली पंजाब की मिड डे मील और आशा वर्करों को 200 रुपये प्रति दिन के हिसाब के साथ मानदेय-मान भत्ता दिया जाएगा। इसकी जानकारी मुख्य निर्वाचन अधिकारी सिबिन सी ने दी है।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि पोलिंग पार्टियों के लिए खाना तैयार करने के लिए मिड डे मील वर्करों की ड्यूटी और एक जून को मतदान के दिन आशा वर्करों को पोलिंग बूथों पर तैनात किया जाएगा। इससे किसी पोलिंग स्टॉफ या बूथ पर आए वोटर की सेहत अस्वस्थ होने पर उनकी तुरंत सहायता की जा सके। आशा वर्करों को भी मिड डे मील वर्करों की तर्ज पर 200 रुपये प्रति दिन के हिसाब के साथ मानदेय दिया जाएगा।इसके लिए सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों-कम-डिप्टी कमिशनरों को पत्र जारी किया जा चुका है।

एमपी में भी मतदान में लगे कर्मियों के मानदेय का भुगतान 

  • इंदौर कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी आशीष सिंह के निर्देशानुसार जिला निर्वाचन कार्यालय द्वारा लोकसभा निर्वाचन में लगे अधिकारी-कर्मचारियों को मानदेय के त्वरित भुगतान की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।इंदौर विकास प्राधिकरण के सीईओ एवं प्रशिक्षण के प्रभारी ने कलेक्टर के निर्देशानुसार रविवार शाम से ही कोषालय में मानदेय के बिल लगा दिए गए हैं। सोमवार मंगलवार से संबंधित अधिकारी-कर्मचारियों के खातों में राशि पहुँचना शुरू हो गई है।
  • इसके लिए सभी नोडल अधिकारियों और सहायक रिटर्निंग ऑफ़िसर से उनके यहाँ नियुक्त अधिकारी-कर्मचारियों के नाम और बैंक डिटेल पहले ही प्राप्त कर ली गई थी।लोकसभा चुनाव के मतदान के लिए उज्जैन जिले की सातों विधानसभाओं में 9 हजार से अधिक अधिकारी-कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई थी,कलेक्टर नीरजकुमार सिंह के निर्देश पर मतदान दलों के अधिकारी-कर्मचारियों को मानदेय का भुगतानचुनाव संपन्न कराकर वापस आने से पहले ही भुगतान की प्रकिय्र शुरू कर दी, जिससे मंगलवार से राशि पहुंचना भी शुरू हो गई है।

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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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