कर्मचारियों के लिए राहत भरी खबर, अब मिलेगा इस नीति का लाभ, दिसंबर से प्रभावी, ये रहेंगे नियम, जानें कितनी मिलेगी अग्रिम और सहायता राशि

Pooja Khodani
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PSPCL Employees News :  पंजाब के बिजली कर्मचारियों के लिए राहत भरी खबर है। राज्य की भगवंत मान सरकार ने पंजाब स्टेट पावर कार्पोरेशन लिमिटिड (PSPCL) के कर्मचारियों के लिए एक दुर्घटना मुआवजा नीति शुरू की गई है, जिसके तहत डयूटी दौरान हादसाग्रस्त होने वाले कर्मचारियों को मुआवजा प्रदान किया जाएगा। Fसमें रेगुलर, ठेका आधारित और उप- ठेका आधारित पर काम करने वाले कामगार शामिल हैं।

8 दिसंबर से लागू, इन्हें मिलेगा लाभ

बिजली मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ ने गुरुवार ने बताया कि 8 दिसंबर 2023 से प्रभावी इस नीति काम से संबंधित दुर्घटनाओं की स्थिति में नियमित, संविदा और उप-संविदा कर्मचारियों सहित कर्मचारियों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए तैयार की गई है। इसके तहत, पीएसपीसीएल के नियमित कर्मचारियों को न केवल आकस्मिक लाभ मिलेगा, बल्कि आपात स्थिति के दौरान 3 लाख तक की चिकित्सा अग्रिम राशि भी मिलेगी।

10 लाख तक मिलेगी सहायता

बिजली मंत्री ने बताया कि ठेके पर काम करने वाले कर्मचारियों के हादसाग्रस्त होने पर एक्सग्रेशिया की राशि 5 लाख से बढ़ाकर 10 लाख रुपए और वित्तीय सहायता को बढ़ाते हुए सामूहिक बीमे की रकम 5 लाख से बढ़ाकर 10 लाख रुपए कर दी गई है। वही रेगुलर कर्मचारियों के लिए इस योजना में कोई बदलाव नहीं किया गया है। नई नीति में 10 लाख रुपए का एक्सग्रेशिया भुगतान, 1 लाख रुपए का सामूहिक बीमा और सरकारी नियमों के अनुसार मैडीकल बिल का भुगतान जारी रखा गया है। हालाँकि अब बिजली का करंट लगने के कारण हादसे के तुरंत बाद जख्मी कर्मचारियों के इलाज के लिए मेडिकल एडवांस की व्यवस्था है। पहले ऐसी कोई व्यवस्था नहीं थी।

विकलांगता की स्थिति में भी मिलेगा लाभ

बिजली मंत्री कहा कि पहले ठेका आधारित और उप-ठेका आधारित श्रेणियों के कामगारों को ग़ैर-घातक हादसों की स्थिति में कोई वित्तीय लाभ नहीं मिलता था, लेकिन नई नीति ने इस अंतर को खत्म किया है और अब 100 प्रतिशत विकलांगता की स्थिति में 10 लाख की रकम का भुगतान किया जायेगा।विकलांगताओं के लिए मुआवजा घटना की गंभीरता के आधार पर अनुपात के अनुसार निर्धारित किया जायेगा।


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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