सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया हिजबुल मुजाहिदीन का प्रमुख सैफुल्लाह, कई हमलों में था शामिल

Gaurav Sharma
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श्रीनगर,डेस्क रिपोर्ट। रविवार को आतंकवादी समूह हिज्बुल मुजाहिदीन का प्रमुख सैफुल्लाह को श्रीनगर के बाहरी इलाके में एक मुठभेड़ में मार दिया गया। पुलिस ने इसकी सूचना देते हुए कहा कि “उग्रवाद के खिलाफ ये एक बड़ी सफलता है”।

पुलिस अधिकारी ने बताया कि सैफुल्ला ने इस साल मई में रियाज नाइकू की हत्या की थी। रियाज नाइकू हत्या करने के बाद सैफुल्ला ने संगठन की कमान संभाल ली थी। सुरक्षा बलों पर कई हमलों में आतंकवादी सैफुल्ला शामिल था।

जम्मू-कश्मीर के पुलिस प्रमुख  दिलबाग सिंह ने मीडिया से चर्चा करते वक्त बताया कि डॉ सैफुल्ला जो हिजबुल मुजाहिदीन का नंबर एक कमांडर था, वो मुठभेड़ में मारा गया हैं। ये एक बहुत ही सफल ऑपरेशन था। ये कोई छोटी उपलब्धि नहीं है, बल्कि यह पुलिस और सुरक्षा बलों के लिए एक बड़ी सफलता है।

उन्होंने बताया कि उन्हें जानकारी मिली थी कि सैफुल्ला दक्षिण कश्मीर से श्रीनगर आया था और एक घर में छिपा था। सूचना के आधार पर सुरक्षा बलों ने क्षेत्र को बंद कर दिया और एक ऑपरेशन शुरू किया गया। फायरिंग के बदले में, एक आतंकवादी मारा गया। हमारे स्रोत के अनुसार, हम 95 प्रतिशत सुनिश्चित हैं कि वह डॉ सैफुल्लाह हैं। हम जल्द ही शरीर को प्राप्त कर लेंगे और उसकी पहचान कंफर्म हो जाएगी।

आगे अधिकारी कुमार ने बताया कि जम्मू और कश्मीर पुलिस का नेटवर्क काफी मजबूत हो गया है और किसी भी आतंकवादी के घुसने की सूचना पुलिस को तुरंत मिल जाती है। वहीं घटना स्थल से किसी अन्य आतंकवादी को जिंदा पकड़ने को लेकर पूछे गए सवाल पर  उन्होंने कहा कि एक संदिग्ध को हिरासत में ले लिया गया है और उससे पूछताछ की जा रही है।

सुबह की घटनाओं को याद करते हुए, एक अन्य अधिकारी ने कहा कि सुरक्षा बलों ने इलाके को सील कर दिया और पुराने हवाई क्षेत्र के पास रंगरेथ में एक खोज अभियान शुरू किया। ये अभियान पुख्ता जानकारी के आधार पर शुरु किया गया, जिसमें आतंकवादियों के छिपे होने के बारे में बताया गया था।

जैसे ही बलों ने क्षेत्र में तलाशी शुरू की, आतंकवादियों ने उन पर गोलीबारी की। सेना ने जवाबी कार्रवाई की, जिसके परिणामस्वरूप मुठभेड़ हुई। अधिकारी ने कहा कि गोलीबारी के बदले में एक आतंकवादी मारा गया, अधिकारी ने उसकी पहचान सैफुल्लाह के रूप में की है।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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