आज का दिन भारतीय न्यायपालिका के इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ने वाला है, क्योंकि देशभर में जिला न्यायपालिका का राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है। दरअसल इस विशाल आयोजन में देश के विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की जिला अदालतों के प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं। वहीं इस महत्वपूर्ण सम्मेलन में 800 से अधिक प्रतिभागियों की उपस्थिति रहने वाली है।
दरअसल इस सम्मेलन में मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने भी अपने विचार साझा किए। उन्होंने जिला अदालतों की भूमिका की प्रशंसा करते हुए उन्हें “न्यायपालिका की रीढ़” बताया। मुख्य न्यायाधीश ने इस बात पर बल दिया कि जिला अदालतों का महत्व अत्यधिक है, और इन्हें “अधीनस्थ अदालतें” कहने की प्रथा को बंद किया जाना चाहिए।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू होंगी शामिल
दरअसल राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू इस ऐतिहासिक सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगी और न्यायिक अधिकारियों तथा प्रतिनिधियों को संबोधित करेंगी। जानकारी के मुताबिक उनका यह संबोधन न्यायपालिका के विभिन्न स्तरों पर कार्यरत अधिकारियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा और उनके कर्तव्यों की दिशा में एक नई ऊर्जा प्रदान करेगा। वहीं इसके साथ ही, राष्ट्रपति सुप्रीम कोर्ट के नए ध्वज और प्रतीक चिह्न का भी अनावरण करेंगी, जो भारतीय न्यायपालिका के लिए एक महत्वपूर्ण प्रतीक के रूप में स्थापित होगा।
सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिया था भाषण
बता दें कि इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में भाषण दिया था। दरअसल अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर विशेष ध्यान देने की बात कही और जोर दिया कि त्वरित और प्रभावी न्याय से समाज में सुरक्षा और विश्वास का वातावरण स्थापित किया जा सकता है। इसके साथ ही उन्होंने न्यायिक प्रणाली में सुधार की जरूरत पर भी प्रकाश डाला, ताकि महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों के मामलों में शीघ्र न्याय सुनिश्चित किया जा सके।