कोलकाता के आरजी कर हॉस्पिटल के आसपास के इलाके में लागू की गई धारा 163, जानिए फैसले के पीछे का कारण

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक ट्रेनी डॉक्टर के साथ बर्बरता ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। जिसके विरोध में अस्पताल के बाहर हजारो डॉक्टरों द्वारा प्रदर्शन किया जा रहा था वहीं अब इसे देखते हुए पुलिस ने क्षेत्र में धारा 163 लागू कर दी है।

Rishabh Namdev
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कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुई क्रूर घटना ने पूरे शहर और चिकित्सा जगत को झकझोर कर रख दिया है। दरअसल इस घटना ने न केवल शहर में सुरक्षा और कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं, बल्कि इसके बाद देशभर में राजनीतिक घमासान देखा जा रहा हैं। वहीं इस गंभीर परिस्थिति के मद्देनज़र, अब पुलिस ने क्षेत्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कड़े कदम उठाए हैं, जिसमें बीएनएस (भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता) की धारा 163 को सात दिनों के लिए लागू कर दिया गया है।

दरअसल 9 अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुई रेप और हत्या की दर्दनाक घटना ने अस्पताल में तनावपूर्ण स्थिति उत्पन्न कर दी है। इस घटना के बाद डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ के बीच भारी आक्रोश और पूरे चिकित्सा समुदाय में डर और असुरक्षा का माहौल बन गया है। इसके अतिरिक्त, 15 अगस्त को अस्पताल परिसर में हुई भीड़ द्वारा तोड़फोड़ और हिंसा की घटनाओं ने हालात को और अधिक संवेदनशील बना दिया है।

सात दिनों के लिए लगाई गई धारा 163

जानकारी के अनुसार अस्पताल के अंदर और बाहर असुरक्षित स्थिति को देखते हुए, कोलकाता पुलिस ने अस्पताल में काम कर रहे डॉक्टरों, मरीजों और अन्य कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बीएनएस की धारा 163 लागू की है। दरअसल यह धारा पूर्व में सीआरपीसी की धारा 144 के नाम से जानी जाती थी और इसका उद्देश्य किसी क्षेत्र में भीड़ को नियंत्रित करना होता है। धारा 163 के तहत, आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के आसपास सात दिनों के लिए लोगों के एकत्र होने पर रोक लगाई गई है।

धारा 163 के लागू होने का प्रभाव

जानकारी दें दें कि धारा 163 लागू होने के बाद, पुलिस को इलाके में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी करने और भीड़ को नियंत्रित करने के अधिकार मिल जाते हैं। इस धारा के तहत, किसी भी प्रकार के जमावड़े, प्रदर्शन या विरोध को नियंत्रित किया जा सकता है, जिससे कानून और व्यवस्था बनी रहे। पुलिस अधिकारियों द्वारा यह स्पष्ट किया जाता है कि आसपास के क्षेत्रों में शांति बनाए रखने और सुरक्षा सुनिश्चित करने के कड़े कदम उठाए जाए।

वहीं इस घटना के बाद, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने पूरे देश में हड़ताल का आह्वान किया था। IMA ने इस दर्दनाक घटना पर गहरी चिंता व्यक्त की और अस्पतालों को “सुरक्षित क्षेत्र” घोषित करने की मांग की। उन्होंने एक पत्र जारी करते हुए कहा कि 9 अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में घटित बलात्कार और हत्या की घटना ने चिकित्सा समुदाय को गहरा झटका दिया है। इसके अतिरिक्त, 15 अगस्त को अस्पताल परिसर में हुई तोड़फोड़ और हिंसा ने डॉक्टरों की स्थिति को और भी कठिन बना दिया है।


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मैंने श्री वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय इंदौर से जनसंचार एवं पत्रकारिता में स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। मैं पत्रकारिता में आने वाले समय में अच्छे प्रदर्शन और कार्य अनुभव की आशा कर रहा हूं। मैंने अपने जीवन में काम करते हुए देश के निचले स्तर को गहराई से जाना है। जिसके चलते मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार बनने की इच्छा रखता हूं।

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