PFI पर NIA का तगड़ा एक्शन, मध्यप्रदेश समेत 6 राज्यों में की छापेमारी, बैन है संगठन

Diksha Bhanupriy
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NIA Action On PFI: नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी को इस समय देश के कई राज्यों में लगातार कार्रवाई करते हुए देखा जा रहा है। बुधवार को एक बार फिर टीम एक्शन मोड में नजर आई। टीम ने मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, महाराष्ट्र और तमिलनाडु में कई जगह छापेमारी की कार्रवाई को अंजाम दिया। बता दें कि यह कार्रवाई पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानी PFI के कई ठिकानों पर की जा रही है।

वाहिद शेख के घर पहुंची टीम

जानकारी के मुताबिक NIA की टीम मुंबई के विक्रोली इलाके में अब्दुल वाहिद शेख के घर पहुंची है। यह 2006 के रेलवे ब्लास्ट मामले में आरोपी बनाया गया था लेकिन कोर्ट ने इसे सभी आरोपों से बरी कर दिया था। हालांकि, शेख घर का गेट खोलने को तैयार नहीं है और उसका कहना है कि पहले उसे अधिकारी पहचान पत्र दिखाएं और लीगल नोटिस भेजे। वह अपने वकील से बात करेगा।

कई संदिग्धों हिरासत में

नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी की यह कार्रवाई मंगलवार देर रात भी जारी रही। राजस्थान में कई जगह पर टीम ने अचानक छापेमारी की कार्रवाई की। यह देखकर लोगों के बीच हड़कंप मच गया और इस कार्रवाई में NIA को स्थानीय लोगों का सहयोग भी मिला। कुछ संदिग्धों हिरासत में लेने की जानकारी भी सामने आ रही है और ठिकानों से मिले दस्तावेज और गैजेट्स को खंगाला जा रहा है। दिल्ली-एनसीआर और यूपी में भी PFI के कई ठिकानों पर रेड डाली गई है।

PFI पर है बैन

बता दें कि 27 सितंबर को केंद्र सरकार ने PFI और उससे जुड़े हुए 8 संगठनों पर 5 साल का बैन लगाया था। सभी के खिलाफ टेरर लिंक के सबूत मिले थे, जिसके बाद नोटिफिकेशन जारी करते हुए यह एक्शन लिया गया। सरकार ने PFI और उससे जुड़े संगठनों की गतिविधियों को देश की सुरक्षा के लिए खतरा बताया था। यह संगठन साल 2006 में गठित किया गया था। ये मनिथा नीति पसाराई और नेशनल डेवलपमेंट फंड नामक संगठन को मिलाकर बनाया गया था। 16 सालों में इसने देश के 23 राज्यों में अपने पैर पसार लिए हैं।

क्या है मामला

NIA की इस वक्त देश के कई राज्यों में जो कार्रवाई चल रही है उसका संबंध बिहार के फुलवारी शरीफ से बताया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक पीएफआई से जुड़े कई आरोपी आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने से पहले ट्रेनिंग सेशन चला रहे थे। इस मामले में 12 जुलाई को पुलिस थाने में केस दर्ज किया गया था। इसके बाद यह केस नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी को ट्रांसफर किया गया और देशभर में कई जगह छापेमारी की गई। इसमें कुछ लोगों की गिरफ्तारी भी हुई थी।


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"पत्रकारिता का मुख्य काम है, लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को संदर्भ के साथ इस तरह रखना कि हम उसका इस्तेमाल मनुष्य की स्थिति सुधारने में कर सकें।” इसी उद्देश्य के साथ मैं पिछले 10 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रही हूं। मुझे डिजिटल से लेकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का अनुभव है। मैं कॉपी राइटिंग, वेब कॉन्टेंट राइटिंग करना जानती हूं। मेरे पसंदीदा विषय दैनिक अपडेट, मनोरंजन और जीवनशैली समेत अन्य विषयों से संबंधित है।

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