नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। कई बार न्यायालय के कुछ फैसले हमें चौंका देते हैं। ऐसा ही एक निर्णय सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) द्वारा सुनाया गया है जिसमें उसने रेप (rape) के आरोपी की गिरफ्तारी (arrest) पर इस शर्त पर रोक लगा दी कि वो पीड़िता के साथ 6 महीने के भीतर शादी (marriage) करेगा। कोर्ट ने कहा कि अगर इस अवधि में में वो शादी का वादा तोड़ता है तो उसे जेल भेज दिया जाएगा। पंजाब के रहने वाले आरोपी ने अग्रिम जमानत की याचिका में कहा था कि उसका पीड़िता के साथ समझौता हो गया है।
चीफ जस्टिस शरद अरविंद बोबडे की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि अभी हम सिर्फ गिरफ्तारी पर रोक लगा रहा हैं। यदि हमें ये पता चलता है कि आपका ये प्रस्ताव आपराधिक मामले से मुक्ति के लिए किया गया समझौता मात्र है और यदि आपने छह महीने के अंदर शादी नहीं की तो आपको जेल भेज दिया जाएगा। इस मामले में कोर्ट ने पीड़िता को नोटिस जारी कर उससे जवाब भी मांगा है।
बता दें कि पीड़ित महिला ऑस्ट्रेलिया में रहती है और उसने आरोप लगाया था कि शादी के बहाने आरोपी ने उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए। दोनों साल 2016 में ऑस्ट्रेलिया में पढ़ाई के दौरान एक दूसरे से मिले थे। इस मामले में पुरूष एक सवर्ण जाति का जाट सिख है जो पंजाब के गुरदासपुर का रहने वाला है, जबकि महिला अनुसूचित जाति से संबंध रखती है। महिला का कहना था कि पुरूष ने उससे कहा था कि वो अपने माता पिता को इस शादी के लिए राजी कर लेगा। बाद में उसने ये कहते हुए शादी से इंकार कर दिया कि जाति में फर्क के कारण उसके माता पिता इस रिश्ते के लिए तैयार नहीं है। इसके बाद महिला ने पुलिस के NRI विंग में दुष्कर्म और धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया था जिसपर युवक ने सुप्रीम कोर्ट में अग्रिम जमानत की याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आरोपी के माता पिता ने भी शादी के समझौते पर दस्तखत किए और कहा कि जल्द ही बेटे को ऑस्ट्रेलिया के लिए रवाना कर देंगे जहां जाकर वो महिला के साथ शादी करेगा।