Supreme Court : देश की सर्वोच्च अदालत ने दिल्ली के राजेन्द्र नगर इलाके की राव एकेडमी के बेसमेंट में पानी भर जाने से जान गवाने वाले UPSC की तैयारी कर रहे तीन स्टूडेंट्स की मौत की घटना पर स्वतः संज्ञान लिया है, सुप्रीम कोर्ट ने तल्ख़ टिप्पणी करते हुए कहा कि दिल्ली के कोचिंग सेंटर डेथ चैंबर बन गए हैं, ये बच्चों की जिन्गदी से खिलवाड़ कर रहे हैं, कोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया है।
स्टूडेंट्स के जीवन से खिलवाड़ कर रहे हैं कोचिंग सेंटर
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ ने घटना पर कहा क राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली मे हाल में घटी यह घटना सभी के लिए आंखें खोलने वाली है, पीठ ने आगे कहा कि ये जगहें (कोचिंग सेंटर) डेथ चैंबर बन गई हैं। कोचिंग संस्थान का तब तक ऑनलाइन संचालन किया जा सकता है, जब तक वे सुरक्षा मानदंडों और गरिमापूर्ण जीवन के लिए बुनियादी मानदंडों का पूर्ण अनुपालन सुनिश्चित न करें। कोर्ट ने कहा कि कोचिंग सेंटर देश के विभिन्न हिस्सों से आने वाले स्टूडेंट्स के जीवन से खिलवाड़ कर रहे हैं।
27 जुलाई को राव एकेडेमी के बेसमेंट में डूबकर हुई थी तीन स्टूडेंट्स की मौत
गौरतलब है कि दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में 27 जुलाई को तेज बारिश के दौरान एक बड़ा हादसा हुआ था। यहां यूपीएससी की तैयारी कराने वाली राव एकेडेमी के बेसमेंट में पानी भर जाने से वहां संचालित लाइब्रेरी में पढ़ रहे तीन स्टूडेंट्स की उसमें डूबकर मौत हो गई थी। मृतकों की पहचान 25 साल की तेलंगाना निवासी तान्या सोनी, केरल निवासी 24 वर्षीय नेविन डाल्विन और यूपी निवासी 24 वर्षीय श्रेया यादव के रूप में हुई।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुइयां की खंडपीठ ने भारत सरकार और दिल्ली सरकार से सुरक्षा मानदंडों को सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए कदमों पर जवाब मांगा है और इस बाबत नोटिस जारी किये हैं, गौरतलब है कि दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश की बाद छात्रों की मौत के मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई है।