ग्वालियर, अतुल सक्सेना। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री बनने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) के साथ ये संयोग भी जुड़ गया है कि 30 साल पहले पिता माधवराव सिंधिया (Madhavrao Scindia) ने जिस मंत्रालय को संभाला था उसकी जिम्मेदारी उन्हें मिली है। शपथ लेने के बाद एक और संयोग ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) के साथ जुड़ गया वो ये कि उन्हें उन्ही के गृह नगर ग्वालियर से पहला मांगपत्र भी भेजा गया हैं जिसमें उनकी दादी के नाम से स्थापपत ग्वालियर के हवाई अड्डे के विस्तार की मांग की गई है।
इसे दुनिया के सबसे लोकतंत्र यानि भारत की प्रजातान्त्रिक खूबसूरती ही कहेंगे जो ज्योतिरादित्य सिंधिया अब तक विकास योजनाओं के लिए दूसरे मंत्रियों को पत्र लिखा करते थे अब व्वयसे ही पत्रों का सामना ज्योतिरादित्य सिंधिया को करना पड़ेगा और इसकी शुरुआत भी हो गई है। आपको बता दें की इसकी शुरुआत सिंधिया के गृह नगर ग्वालियर से ही हुई है।
दरअसल ज्योतिरादित्य सिंधिया की दादी भाजपा की वरिष्ठ नेत्री राजमाता विजयाराजे सिंधिया के नाम से ग्वालियर हवाई अड्डे को पहचाना जाता है, इसके विस्तार के लिए ग्वालियर के लोकसभा सांसद विवेक नारायण शेजवलकर लम्बे समय से प्रयास कर रहे हैं वे पूर्व नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप पुरी को के पत्र लिख चुके हैं, इतना ही नहीं बतौर राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया भी हरदीप पुरी को ग्वालियर हवाई अड्डे के विस्तार के लिए पत्र लिख चुके हैं लेकिन संयोग देखिये कि उन सभी पत्रों को सामना सिंधिया को करना पड़ेगा।
ग्वालियर के लोकसभा सांसद विवेक नारायण शेजवलकर ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री बनाने पर बधाई पत्र भेजा है , खास बात ये है कि ग्वालियर सांसद द्वारा सिंधिया को लिखा गया ये पत्र मात्र बधाई पत्र नहीं है ये मांग पत्र भी है।
सांसद विवेक शेजवलकर ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को लिखे पत्र में कहा – प्रधानमंत्री जी द्वारा आपको मंत्रिमंडल में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दिये जाने के उपलक्ष्य में हार्दिक बधाई। यह भी सुखद संयोग है कि आपको नागरिक उड्यन विभाग का कार्यभार मिला है। ग्वालियर हवाई अड्डे के टर्मिनल के विस्तार व पुर्ननिर्माण की प्रक्रिया हेतु प्रकरण गतिशील है। नवीन टर्मिनल हेतु वर्तमान टर्मिनल के निकट ही केन्द्र सरकार के उपक्रम आलू अनुसंधान केन्द्र की अतिरिक्त भूमि उपलब्ध है। यह भी सुखद संयोग है कि इससे संबंधित कृषि मंत्रालय का जिम्मा नरेन्द्र सिंह तोमर जी के पास है। आपसे अनुरोध है नवीन टर्मिनल के निर्माण हेतु शीघ्रातिशीघ्र कार्यवाही करें जिससे इंदौर भोपाल की तर्ज पर यहां भी यात्रियों को आधुनिक सुविधायें उपलब्ध हो सकें।
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Atul Saxena
पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....
पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....