Dodda Ganpati: भारत एक ऐसी जगह है जहां धर्म और आध्यात्मिक से जुड़े कई सारे स्थान आपको देखने को मिल जाएंगे। अलग-अलग संस्कृति, परंपरा, खानपान से भरे हुए इस देश में कई सारे पर्यटक स्थल मौजूद है। पर्यटन के लिहाज से यहां अलग-अलग जगह पर लाखों लोग पहुंचते हैं। आने वाले पर्यटक भारत में मौजूद धार्मिक स्थलों के इतिहास और चमत्कार के बारे में जानकारी हैरान हो जाते हैं।
भगवान गणेश एक ऐसे देवता हैं जिन्हें हिंदू धर्म में प्रथम पूज्य माना गया है। श्री गणेश की पूजन के बिना कोई भी पूजन या अच्छा काम शुरू नहीं किया जाता। देसी नहीं विदेशों में भगवान गणेश के कई सारे मंदिर मौजूद है जो लोगों के बीच प्रसिद्ध है। आज हम आपको दक्षिण भारत यानी के कर्नाटक में मौजूद एक खास मंदिर के बारे में बताते हैं।
कर्नाटक का डोडा गणपति
हम दक्षिण भारत के जिस गणपति मंदिर की बात कर रहे हैं। वह बेंगलुरु के पास मौजूद बसावनागुडी में डोडा गणपति के नाम से मशहूर है। बता दे कि इस इलाके में डोडा का मतलब बड़ा होता है और इस मंदिर में बप्पा की जो मूर्ति है, वह काफी विशाल है। यही कारण है कि इस मंदिर को डोडा गणपति के नाम से पहचाना जाता है। बेंगलुरु से यहां की दूरी 13 किलोमीटर है और आसानी से यहां पर पहुंचा जा सकता है।
मंदिर की खासियत
देशभर में भगवान गणेश की कई सारी प्रतिमाएं और मंदिर है जिनकी अपने विशेषता है। लेकिन डोडा गणपति की बात करें तो यहां की प्रतिमा बहुत ही खास है। यह 18 फीट ऊंची और 16 फीट चौड़ी है और इसे ग्रेनाइट की एक ही चट्टान से बनाया गया है। चट्टान को काटकर इस पर गणपति जी के आकार को उकेरा गया है और यह बहुत ही खूबसूरत लगती है। यहां पर एक नंदी प्रतिमा भी मौजूद है।
इस मंदिर में बप्पा को 100 किलो मक्खन का भोग लगाया जाता है और फिर उसे प्रसाद के रूप में भक्तों में बांट दिया जाता है।
विश्व की सबसे बड़ी नंदी प्रतिमा
इस मंदिर के पीछे नंदी प्रतिमा भी मौजूद है जिसे विश्व की सबसे बड़ी नदी की मूर्ति कहा जाता है। इस जगह का इतिहास काफी पुराना बताया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि अंग्रेजों के भारत आने के बाद इसे बनाया गया था।
दर्शन का समय
अगर आप इस मंदिर में दर्शन करने जाना चाहते हैं तो सुबह 6:30 से दोपहर 1:00 बजे तक जा सकते हैं। इसके बाद शाम 4:30 बजे से 8:00 तक मंदिर खुला रहता है।