Religious stories related to Shri Ram : आज अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन धूमधाम से संपन्न हुआ। इस अवसर देशभर में श्रद्धालुओं में भक्तिभाव का माहौल है। श्रीराम सिर्फ हमार देश ही नहीं बल्कि दुनियाभर में कई लोगों के आराध्य हैं। धार्मिक ग्रन्थों में उन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम कहा गया है। समाज में उन्हें एक आदर्श चरित्र के रूप में माना जाता है। श्री राम से जुड़ी कई कथाएं हैं जिन्हें ज्यादातर लोग जानते हैं। लेकिन कई बातें ऐसी भी हैं जो रहस्यमयी और अनसुनी हैं। आज हम भगवान राम के बारे में ऐसी ही कुछ बातें जानेंगे।
श्रीराम से जुड़ी अनसुनी बातें
- श्री राम के कई और नाम भी हैं। उन्हें राघव, अरिन्दम, राजीवलोचन, महेष्वास सहित 108 नामों से पुकारा जाता है। जानकीवल्लभ, जैत्र, जनार्दन, विश्वामित्रप्रिय, शरण्यत्राणतत्पर, वाग्मी, सत्यवाक, सत्यविक्रम, सत्यव्रत, कौसलेय, वेदात्मा, त्रिमूर्ति, त्रिगुण, धन्वी, वरप्रद इनमें से कुछ प्रमुख नाम हैं।
- गायत्री मंत्र का जाप तो हिंदु धर्म में अधिकांश लोग करते हैं। इसमें में 24 अक्षर होते हैं। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि वाल्मीकि रामायण में 24,000 श्लोक हैं और प्रत्येक 1000वें श्लोक के बाद आने वाले पहले अक्षर से गायत्री मंत्र बना है। इसीलिए गायत्री मंत्र को रामायण का सार भी कहा जाता है।
- हम सबने श्रीरामचंद्र और उनके भाइयों के बारे में पढ़ा सुना है। उनके पिता और माता के बारे में भी धार्मिक ग्रंथों में विस्तार से उल्लेख है। लेकिन कम लोग ही जानते हैं कि राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न इन चार पुत्रों के अलावा राजा दशरथ की एक बेटी भी थी। अर्थात श्रीराम की एक बहन भी थी। उनका नाम ‘शांता’ है। वे आयु में इन चारों भाइयों के काफी बड़ी थीं और धार्मिक कथानुसार उन्हें अंगदेश के राजा रोमपद ने गोद लिया था।
श्री राम को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि उनके तीनों भाई किनके अवतार थे। आज हम आपको ये बात बताने जा रहे हैं। उनके छोटे और अतिप्रिय भाई लक्ष्मण को शेषनाग का अवतार माना जाता है जो क्षीरसागर में भगवान विष्णु का आसन है। वहीं भरत को सुदर्शन-चक्र का अवतार माना जाता है जिसे भगवान विष्णु ने अपने हाथों शत्रुघ्न को भगवान विष्णु द्वारा हाथों में धारण किए गए शंख-शैल का अवतार माना जाता है।
- सीता स्वयंवर में प्रभु राम ने भगवान शिव के धनुष को तोड़ा था, ये कथा को बेहद प्रचलित है। लेकिन क्या आप उस धनुष का नाम जानते हैं। उसका नाम था ‘पिनाक’। रामायण की कथा अनुसार ये धनुष लोहे के एक विशालकाय संदूक में रखा हुआ था और कोई अन्य राजा उसे हिला भी नहीं पाए थे।
- राम को जब वनवास हुआ तो लक्ष्मण भी उनके साथ गए। वे अपने भ्राता के इतने बड़े भक्त थे कि वे 14 वर्षों क दौरान भाई भाभी की रक्षा करन के लिए कभी भी रात में सोते नहीं थे। इसके लिए उन्होने वनवास की पहली रात में निद्रा देवी से ये वरदान मांगा था कि उन्हें इस पूरी अवधि में कभी नींद न आए। लेकिन इस वरदान के बदले निद्रा देवी ने कहा कि था अगर कोई तुम्हारी जगह सोए तभी संभव है। इसके बाद लक्ष्मण की पत्नी उर्मीला ने उनके स्थान पर सोना स्वीकार किया और वो पूरे 14 वर्षों तक सोती रहीं। इसी कारण लक्ष्मण को गुदाकेश नाम से भी जाना जाता है।
- राम-रावण युद्ध जब काफी लंबा खिंच गया तो अगस्त्य मुनि ने श्रीराम से कहा कि वे आदित्य ह्रदय स्त्रोत का पाठ करें। ऐसा करने के बाद युद्ध जल्द समाप्त हो गया।
(डिस्क्लेमर : ये लेख विभिन्न धार्मिक स्त्रोतों से प्राप्त जानकारियों के आधार पर लिखा गया है। हम इसकी पुष्टि नहीं करते हैं।)