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Fri, Dec 19, 2025

ये है भारत की सबसे लंबी ट्रेन, इसे चलाने में लगते हैं 6 इंजन

Written by:Sanjucta Pandit
Published:
आज के आर्टिकल में हम आपको भारत की सबसे लंबी ट्रेन के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे 75वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर शुरू किया गया था। जब यह ट्रेन पटरी पर चलना शुरू करती है, तो इसकी गड़गड़ाहट दूर तक सुनाई देती है।
ये है भारत की सबसे लंबी ट्रेन, इसे चलाने में लगते हैं 6 इंजन

भारतीय रेलवे (Indian Railways) का इतिहास काफी ज्यादा पुराना रहा है। विश्व की चौथी सबसे बड़ी रेल नेटवर्क मानी जाने वाली इंडियन रेलवे के बहुत सारे फैक्ट्स हम आपको पिछले आर्टिकल्स में बता चुके हैं। जैसा कि हम सभी जानते हैं रेलवे एक ऐसा माध्यम है, जो एक राज्य से दूसरे राज्य को कनेक्ट करता है। इसके साथ ही देश के हर एक कोने तक पहुंचकर लोगों के सफर को आसन और सुगम बनाता है। ट्रेन में यात्रियों के अलावा समान एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाए जाते हैं।

कुछ ट्रेन आपने काफी ज्यादा लंबी देखी होगी, तो कुछ ट्रेन बहुत छोटी भी होती है। यह दूरी के हिसाब से तय की जाती है कि कितने डब्बे वाली ट्रेन चलाई जाएगी।

भारत की सबसे लंबी ट्रेन

आज के आर्टिकल में हम आपको भारत की सबसे लंबी ट्रेन के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे 75वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर शुरू किया गया था। भारत में किसी भी ट्रेन में 24 से 25 डब्बे होते हैं, जबकि स्पेशल ट्रेनों में 30 से 40 डब्बे भी हो सकते हैं, लेकिन यह ट्रेन की दूरी के हिसाब से निर्धारित किया जाता है कि इसमें कितने डिब्बे होंगे, जिससे यात्रियों को परेशानी ना हो।

सुपर वासुकी (Super Vasuki)

दरअसल, हम जिस ट्रेन की बात कर रहे हैं इसका नाम सुपर वासुकी है। इस ट्रेन में कुल 295 डिब्बे हैं, जिसे यदि कोई व्यक्ति गिनने बैठे, तो उसे एक से डेढ़ घंटे का समय लग सकता है। यह ट्रेन लगभग 3.5 किलोमीटर लंबी है। जब यह चलती है तो इसकी शक्ति का अंदाजा लगाना मुश्किल हो जाता है। इस ट्रेन को खींचने के लिए 6 इंजन लगते हैं। बता दें कि यह कोई यात्री ट्रेन नहीं है, बल्कि मालगाड़ी है, जो एक स्थान से दूसरे स्थान तक सामान को भारी मात्रा में पहुंचने के लिए चलाई जाती है। यह एक बार में करीब 27000 टन भर लेकर चलती है। जिसमें कोयल का परिवहन होता है, जिसे बिजली उत्पादन के लिए पावर प्लांट तक पहुंचाया जाता है।

जानें रूट

ट्रेन के रूट की बात करें, तो यह छत्तीसगढ़ के कोबरा से रवाना होकर नागपुर के राजनंदगांव तक की यात्रा करती है। जिसे पूरा करने में लगभग 11 से 20 घंटे का समय लगता है। जब यह ट्रेन पटरी पर चलना शुरू करती है, तो इसकी गड़गड़ाहट दूर तक सुनाई देती है और इसका नजारा देखने लायक होता है।