शिमला, डेस्क रिपोर्ट। हिमाचल प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों-अधिकारियों के लिए बडी खबर है।सरकार ने कर्मचारियों के धरने प्रदर्शन पर रोक लगा दी है। अगर कोई कर्मचारी हड़ताल पर गया तो उसके खिलाफ वेतन काटने और एफआईआर की कार्रवाई होगी। इसे संदर्भ में कार्मिक विभाग ने शुक्रवार को आदेश जारी किए है।
हिमाचल की जयराम ठाकुर सरकार ने सिविल सर्विस रूल्स 3 और 7 का हवाला देते हुए आदेश जारी किए हैं कि प्रदर्शन, बहिष्कार, पेन डाउन स्ट्राइक और इस तरह की अन्य गतिविधियों में शामिल सरकारी कर्मचारियों का वेतन काटा जाएगा और साथ ही कर्मचारियों पर अपराधिक मामला भी दर्ज होगा।
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मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के निर्देश के बाद कार्मिक विभाग ने एक चेतावनी आदेश जारी किया है। इसमें सभी प्रशासनिक सचिवों, जिला उपायुक्तों, विभागाध्यक्षों और मंडलायुक्तों को यह पत्र जारी किया गया है। सरकार ने सिविल सर्विस रूल्स 3 और 7 का हवाला देते हुए आदेश जारी किए हैं कि प्रदर्शन, घेराव, हड़ताल, बायकॉट, पेन डाउन स्ट्राइक और सामूहिक अवकाश लेने और इस तरह की अन्य गतिविधियों में शामिल सरकारी कर्मचारियों का वेतन काटा जाएगा।
कार्मिक विभाग ने आदेश में साफ कहा है कि कर्मचारियों पर आपराधिक मामला दर्ज किया जा सकता है और संबंधित विभाग द्वारा अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की जाएगी। ऐसी गतिविधियों के लिए अगर कर्मचारी विभाग को नोटिस भी देते हैं तो उस पर कार्रवाई की जाएगी। आदेशों में स्पष्ट किया है कि अभी विधानसभा का बजट सत्र जारी है, ऐसे में कर्मचारियों को छुट्टियां देने पर रोक लगाई गई है।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का कहना है कि कर्मचारी नेताओं की बातों में आकर प्रदेश के कर्मचारी अपना अहित न करें। अधिकारी व कर्मचारी इस बात के लिए अधिकृत नहीं हैं कि खुलेआम धरना-प्रदर्शन करें। pic.twitter.com/pDRgIwf8ex
खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते।
"कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ।
खबरों के छपने का आधार भी हूँ।।
मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ।
इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।।
दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ।
झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।"
(पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)