Income Tax Return: नौकरीपेशा वालों के लिए काम की खबर, 15 जून के बाद भरें ITR, मिलेंगे कई फायदे, यहाँ जानें 

इनकम टैक्स रिटर्न फ़ाइल करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। वेतनभोगियों को 15 जून के बाद आईटीआर भरने की सलाह दी जा रही है। आइए जानें इसके पीछे क्या वजह है?

Manisha Kumari Pandey
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Income Tax Return: वित्तवर्ष 2023-24 लिए इनकम टैक्स रिटर्न की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। आईटीआर भरने की अंतिम तिथि 31 जुलाई है। नौकरीपेशा टैक्सपेयर्स के लिए बड़ी अपडेट सामने आई है। यदि आप हर महीने वेतन उठाते हैं तो आपको 15 जून के बाद ही आईटीआर भरने की सलाह दी जाती है। यदि आप ऐसे करते हैं तो आपको कई फायदे मिल सकते हैं।

क्यों भरें 15 जून के बाद आईटीआर?

दरअसल, आयकर विभाग (Income Tax Department) की वेबसाइट पर 15 जून तक फॉर्म-26AS यानि एनुअल इन्फॉर्मैशन स्टेटमेंट उपलब्ध हो जाता है। ये जानकारी पूरी तरह से अपडेटेड होती है। आमतौर पर 31 मई तक AIS और Form-26AS का डेटा अपडेट होता है। हालांकि कुछ जानकारी पहले भी उपलब्ध हो सकती है। इनकम टैक्स भरने के लिए इन सभी डेटा की जरूरत पड़ती है। सही और सटीक जानकारी होने से आईटीआर भरना आसान हो जाता है। ऐसे में वेतनभोगियों को 15 दिनों के भीतर ही TDS सर्टिफिकेट भी मिल जाता है।

क्यों जरूरी है अपडेटेड एएसआई?

बता दें कि बैंकों और वित्तीय संस्थानों को क्रेडिट कार्ड बिल, डिपॉजिट ब्याज, सेविंग अकाउंट, शेयरों, म्यूचुअल फंड, पीपीएफ और अन्य लेनदेन का विवरण इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को देना पड़ता है। इस प्रक्रिया में समय लगता है। ये सारा डेटा मिलने के बाद ही उपलब्ध एनुअल इन्फॉर्मैशन स्टेटमेंट को टैक्सपेयर्स के लिए अपडेट किया जाता है। आईटीआर की प्रक्रिया में एएसआई का खास महत्व होता है, यह करदाता के ट्रांजेक्शन की जानकारी देता है। इससे पता चलता है कि वेतन से कितना टैक्स कटा और कितना जमा किया गया है।

भरना पड़ सकता है भारी जुर्माना

अधूरी जानकारी के साथ आईटीआर भरना आपको भारी नुकसान भी करवा सकता है। यदि कोई टैक्सपेयर इनकम टैक्स रिटर्न फ़ाइल करते समय फॉर्म में गलत जानकारी देता है तो उसे भारी जुर्माना भी भरना पड़ सकता है। इसलिए वेतनभोगियों को इंतजार करने की सलाह दी जाती है।


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