नई दिल्ली।
71 वें गणतंत्र दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 48 साल पुरानी परंपरा तोड़ दी। पहली बार वह शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए इंडिया गेट पर स्थित अमर जवान ज्योति न जाकर बगल में ही बने नए राष्ट्रीय युद्ध स्मारक गए और वहां पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। इस इस मौके पर देश के पहले सीडीएस के अलावा तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने उनकी अगवानी की।
इंडिया गेट परिसर में बने इस स्मारक को पिछले साल 25 फरवरी को प्रधानमंत्री ने ही देश को समर्पित किया था। 1971 के भारत-पाक युद्ध के शहीदों की याद में अमर जवान ज्योति को इंडिया गेट पर 1972 में तैयार किया गया था। तीनों सेनाओं के प्रमुख राष्ट्रीय महत्व के प्रमुख अवसरों स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस पर अमर जवान ज्योति पर श्रद्धांजलि देते हैं।यहां 25,942 जवानों के नाम ग्रेनाइट के टेबलेट पर स्वर्ण अक्षरों में लिखे हुए हैं।
जनवरी 1972 से जल रही है ज्योति
जनवरी 1972 में अमर जवान ज्योति का अनावरण उन 3,843 भारतीय शहीद सैनिकों की याद में किया गया था जिन्होंने 71 की जंग में हिस्सा लिया था। दिसंबर 1971 को हुई इस जंग का मकसद पाकिस्तान से बांग्लादेश को आजाद कराना था। इसे बांग्लादेश लिब्रेशन वॉर का नाम दिया गया था और इसकी शुरुआत तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने की थी। इंडिया गेट जो ब्रिटिश काल में बनाया गया था, वह प्रथम विश्व युद्ध और और एंग्लो-अफगान वॉर में हिस्सा लेने वाले एक मिलियन से भी ज्यादा सैनिकों को सम्मानित करने के लिए बनाया गया था।