नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। केंद्र सरकार (Central Government) के तीन नए कृषि कानूनों (Agricultural Laws) को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) द्वारा नियुक्त की गई तीन सदस्यीय कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट एक सीलबंद कवर में दी है। समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि मुद्दे का हल खोजने के लिए 85 किसान संगठनों (Farmer Organizations) के साथ बैठक कर उनकी सलाह ली है। 5 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई होगी।
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सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 11 जनवरी को कानूनों के बारे में समीक्षा करने के लिए कमेटी का गठन किया गया। इस कमेटी में अशोक गुलाटी, अशोक धनवत और प्रमोद जोशी को सदस्य बनाया गया। किसान नेता भूपिंदर सिंह मान का नाम भी कमेटी में था लेकिन उन्होंने खुद को अलग कर लिया था। इसके अलावा अर्थशास्त्री अशोक गुलीटी कमेटी में सलाहकार के रूप में हैं। वहीं आंदोलनकारी किसानों द्वारा समिति को स्वीकार नहीं किया गया था। क्योंकि उनका कहा था कि दिए गए सभी नामों ने पहले कानूनों के लिए अपना समर्थन दिया है, जिस कारण रिपोर्ट पक्षपाती होगी।
हालांकि अदालत इस दृष्टिकोण से सहमत नहीं थी और कहा कि समिति सिर्फ किसानों की चिंताओं को संकलित करने और अदालत को इस बारे में बताने के लिए हैं, न कि कोई कार्रवाई करने के लिए।