अब मुंबई में भी कृत्रिम बारिश की चर्चा शुरू, सीएम एकनाथ शिंदे के निर्देश पर दुबई की कंपनी से किया गया संपर्क

Atul Saxena
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Artificial Rain In Mumbai : प्रदूषण की मार देश की राजधानी दिल्ली के बाद अब देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में भी महसूस की जाने लगी है, हालत पर नियंत्रण रखने के लिए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मुंबई में कुछ क्षेत्रों का भ्रमण किया और फिर महानगर पालिका को जरुरत पड़ने पर कृत्रिम बारिश कराने के निर्देश दिए ।

सीएम शिंदे ने किया शहर का भ्रमण, अधिकारियों को दिए निर्देश  

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कल मंगलवार को मुंबई में वायु और धूल प्रदूषण की वास्तविक स्थिति का पता लगाने के लिए अधिकारियों के साथ कुछ क्षेत्रों का भ्रमण किया उसके बाद उन्होंने बैठक कर महानगर पालिका के अधिकारियों को निर्देश दिए कि यदि प्रदूषण का स्तर मानक स्तर से ऊपर जाता है तो कृतिम बारिश कराई जाये।

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कृत्रिम बारिश कराने का अनुभव रखने वाली दुबई की कंपनी के साथ होगा एमओयू  

मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद मुंबई महानगर पालिका के अधिकारियों ने दुबई की एक कंपनी से कृत्रिम बारिश के लिए संपर्क किया है इस कंपनी के पास कृत्रिम बारिश का अच्छा अनुभव है, इस कंपनी के साथ जल्दी ही एक एमओयू  साइन किये जाने की उम्मीद है।

टैंकरों और अन्य मशीनों से सड़कों की धुलाई और सफाई जारी 

उधर बीएमसी की तरफ से कहा गया है कि वायु और धूल प्रदूषण से बचाव के लिए महानगर के 24 वार्डों में 121 टैंकरों और मशीनों की मदद से 584 किलोमीटर सड़कों को नियमित रूप से धोया जा रहा है और साफ किया जा रहा है जिससे प्रदूषण का स्तर नियंत्रित रहे।

राजधानी दिल्ली में भी हुई थी कृत्रिम बारिश की चर्चा   

आपको बता दें कि नवंबर की शुरुआत में ही राजधानी दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के दिल्ली सरकार सहित केंद्र सरकार को भी चिंता में डाल दिया था हालत बद से बदतर हुए जा रहे थे तभी दिल्ली में कृत्रिम बारिश की चर्चा शुरू हुई थी, दिल्ली सरकार भी इसकी तैयारी कर रही थी तभी ईश्वर की कृपा हुई और बारिश हो गई जिसने प्रदूषण को थोड़ा कम कर दिया और कृत्रिम बारिश की जरूरत नहीं पड़ी , फिलहाल दिल्ली और इसके आसपास प्रदूषण की स्थिति पहले से ठीक है।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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