Sat, Dec 27, 2025

Treasure of Jagannath Temple : जगन्नाथ मंदिर का खजाना 46 साल बाद खोला गया, दरवाजा खुलते ही SP हुए बेहोश, गहनों में मिला पानी, पढ़ें यह खबर

Written by:Rishabh Namdev
Published:
Treasure of Jagannath Temple : 46 साल बाद रविवार, 14 जुलाई 2024 को दोपहर 1:28 बजे पुरी, ओडिशा के प्रतिष्ठित जगन्नाथ मंदिर के खजाने को एक बार फिर खोला गया। जिसके बाद इसकी चर्चा हर तरफ शुरू हो गई।
Treasure of Jagannath Temple : जगन्नाथ मंदिर का खजाना 46 साल बाद खोला गया, दरवाजा खुलते ही SP हुए बेहोश, गहनों में मिला पानी, पढ़ें यह खबर

Treasure of Jagannath Temple : पुरी, ओडिशा के प्रतिष्ठित जगन्नाथ मंदिर के खजाने को 46 साल बाद, रविवार, 14 जुलाई 2024 को दोपहर 1:28 बजे फिर खोला गया। दरअसल इस महत्वपूर्ण अवसर पर सरकार के प्रतिनिधि, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के अधिकारी, श्री गजपति महाराज के प्रतिनिधि और 4 सेवादारों समेत कुल 11 लोग उपस्थित थे।

दरअसल मंदिर के मुख्य प्रशासक अरविंद पाढ़ी ने जानकारी दी कि आउटर रत्न भंडार का सामान लकड़ी के 6 बक्सों में स्थानांतरित कर सील कर दिया गया है। हालांकि, इनर रत्न भंडार का सामान अभी तक स्थानांतरित नहीं किया जा सका। यह कार्य अब बहुड़ा यात्रा और सुना वेशा के बाद करने की योजना बनाई गई है।

सामानों की डिजिटल लिस्टिंग की गई:

वहीं कमेटी के अध्यक्ष जस्टिस रथ ने बताया कि ‘दोनों रत्न भंडार के हिस्सों में नए ताले लगाए गए हैं और मंदिर से मिले कीमती सामानों की डिजिटल लिस्टिंग की गई है, जिसमें उनके वजन और निर्माण की जानकारी को भी नोट किया गया है।

असामान्य घटना घटी

जानकारी के अनुसार भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के सुपरिंटेंडेंट डीबी गडनायक ने बताया कि मरम्मत के लिए रत्न भंडार का सर्वे किया जाएगा। इस दौरान, रत्न भंडार का दूसरा दरवाजा खुलते ही SP पिनाक मिश्रा बेहोश हो गए। हालांकि इसका कारण स्पष्ट नहीं हो सका। दरअसल जिसके चलते मंदिर परिसर में ही उनका इलाज किया गया।

एक ऐतिहासिक पहल

दरअसल रत्न भंडार 46 साल बाद खुला है, पिछली बार यह 1978 में खोला गया था। 2018 में हाईकोर्ट के निर्देश पर रत्न भंडार खोलने की कोशिश की गई थी, लेकिन असली चाबियां नहीं मिल सकीं। भारतीय जनता पार्टी ने इसे अपने चुनावी मेनिफेस्टो में भी रखा था, जिसे सरकार बनते ही पूरा किया गया।

मंदिर प्रशासन (SJTA) के मुख्य प्रशासक अरविंद पाढ़ी के मुताबिक, पूरी प्रक्रिया के लिए 3 स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर्स (SOPs) बनाई गईं।

पहली SOP: रत्न भंडार को खोलने के लिए बनाई गई।
दूसरी SOP: अस्थायी रत्न भंडार के प्रबंधन के लिए।
तीसरी SOP: कीमती सामानों की सूची से जुड़ी।

वहीं जस्टिस रथ ने बताया कि पुरी जिला कलेक्टर द्वारा दी गई चाबियों से आंतरिक भंडार का कोई ताला नहीं खुला। इसलिए टीम ने ताले काटकर अंदर प्रवेश किया। वे लोग वहां 5 घंटे तक रहे। बाहरी भंडार के सामान की शिफ्टिंग के बाद इनर भंडार का ताला तोड़ा गया।