तोते की कस्टडी के लिए बैठी पंचायत, इस तरह हुआ फैसला

Panchayat sat for parrot : अब तक आपने सुना होगा कि अलग अलग मसले या विवाद को लेकर पंचायत बैठी है। लेकिन क्या कभी ये सुना है कि एक तोते के लिए पंचायत बुलानी पड़ी हो। ये अजीबोगरीब वाकया हुआ संगम नगरी प्रयागराज में। यहां एक तोते के मालिक की पहचान की लिए बाकायदा पंचायत बैठी और फिर इसका नतीजा भी अनोखे ढंग से निकाला गया।

शंकरगढ़ थाना परिसर में जुटी पंचायत..तोता महाराज भी अपने पिंजरे में बैठकर सारा नजारा देखते रहे क्योंकि यहां उनके ही भविष्य का फैसला होने वाला था। दरअसल भडिवार गांव में रहने वाली बूटी ने चार साल पहले एक तोते को पाला था। उसका नाम मिट्ठू रखा और वो इसे बहुत ही प्यार करती थी। लेकिन दो साल पहले उसका मिट्ठू उड़ गया। बूटी का कहना है कि उसका मिट्ठू पास के ही मोहल्ले में रहने वाली महिमा के घर में छिप गया था। लेकिन मांगने पर भी उसने मिट्ठू को लौटाया नहीं। बस उसे वापिस लेने के लिए बूटी ने 112 पर फोन मिला दिया और फिर ये पंचायत बैठी।

इधर महिमा का कहना था कि वो पांच से इस तोते को पाल रही है। इस बात पर दोनों पक्षों में तनतनी होती रही और आखिरकार पुलिस दोनों को थाने ले आई। पुलिस ने तोते को पिंजरे में देखकर कहा कि उसे ऐसे बंधन में रखना ठीक नहीं है। इसके बाद पिंजरा खोला गया तो बाहर निकलकर तोता बूटी की हथेली पर बैठ गया। वो उसका नाम भी लेने लगा। इससे साफ हो गया कि तोता बूटी का ही थी और उसे वो सौंप दिया गया। इस तरह तोते ने खुद अपने मालिक की पहचान की और इतने समय बाद एक दूसरे को पाकर दोनों काफी खुश नजर आए।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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