कर्मचारियों-अधिकारियों के लिए अच्छी खबर, चुनाव बाद लागू होगी नई तबादला नीति! कैबिनेट में आएगा प्रस्ताव, ये रहेंगे नियम, इस तरह मिलेगा लाभ

खबर है कि राजस्थान में नई तबादला नीति लागू होने के बाद मंत्री-विधायकों की मर्जी से किसी सरकारी अधिकारी या कर्मचारी का ट्रांसफर नहीं हो पाएगा।

Pooja Khodani
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Employees Transfer New Policy : राजस्थान के सरकारी कर्मचारियों अधिकारियों के लिए अच्छी खबर है।लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद आदर्श आचार संहिता हटने के बाद प्रदेश में नई तबादला नीति लागू हो सकती है। खबर है कि तबादला नीति के मसौदे को अंतिम रूप देने के लिए गुरुवार को मुख्य सचिव सुधांश पंत की अध्यक्षता में बैठक हुई है, जिसमें इस नीति में शामिल किए जाने वाले प्रावधानों पर विचार विमर्श किया गया है।

तबादला नीति पर हो रहा विचार

  • मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, केंद्र की तर्ज पर अब राजस्थान की भजनलाल सरकार भी नई तबादला नीति लागू करने की तैयारी में है। इसके तहत नेताओं की जगह अब अफसर तबादले कर सकेंगे। इसके लिए बीते दिनों सभी विभागों से सुझाव मांगे गए थे और कॉमन एसओपी जारी की गई थी। इसके तहत सभी विभागों के एचओडी अधिकारियों से चर्चा कर जरूरत अनुसार सुझाव देने होंगे।
  • इधर, गुरुवार को मुख्य सचिव सुधांश पंत की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस नीति में शामिल किए जाने वाले प्रावधानों पर विचार विमर्श किया गया । खबर है कि राज्य सरकार सभी प्रस्तावों पर विचार करेगी और फिर इस पॉलिसी को लागू किया जाएगा। नई नीति के तहत शेष प्रकरणों को छोड़कर सामान्य तौर पर राज्य सरकार ट्रांसफर नहीं करेगी। इसका मसौदा प्रशासनिक सुधार विभाग की ओर से तैयार किया गया है, इस मसौदे को अंतिम रूप देकर कैबिनेट की बैठक में मंजूरी के लिए रखा जाएगा।

कैसी होगी नई तबादला नीति

  • गौरतलब है कि नई तबादला नीति के मसौदे में सभी विभागों को ए और बी श्रेणी में बांटा गया है। जिन विभागों में 2000 से अधिक कर्मचारी हैं, उन विभागों को ए श्रेणी में रखा जाएगा। जिन विभागों में 2000 से कम कार्मिक हैं, उन्हें बी श्रेणी में रखा जाएगा।
  • नई तबादला नीति लागू होने के बाद प्रदेश में 3 साल से पहले किसी भी सरकारी अधिकारी या कर्मचारी का ट्रांसफर नहीं होगा। इसके लिए हर कर्मचारी को सेवा के 2 साल ग्रामीण क्षेत्र में रहना होगा।
  •  इसमें दिव्यांग, विधवा, भूतपूर्व सैनिक, उत्कृष्ट खिलाड़ी, एकल महिला, पति-पत्नी प्रकरण, असाध्य रोग से पीड़ित, शहीद के आश्रित सदस्य और दूरस्थ इलाकों में तीन साल से कार्यरत कर्मचारियों को प्राथमिकता मिलेगी। इसके अलावा कर्मचारी खुद भी पोर्टल के जरिए तबादले के लिए आवेदन कर सकेंगे।
  • नई तबादला नीति सरकारी विभागों, बोर्ड, निगमों पर राजकीय उपक्रमों पर भी लागू होगी,शेष सभी विभागों में इसी के आधार पर तबादले किए जाएंगे।निर्वाचन विभाग, राज्यपाल सचिवालय और विधानसभा सचिवालय पर यह लागू नहीं होगी।
  • एसओपी के तहत हर विभाग 1 से 15 जनवरी के बीच जिले, उपखण्ड या पंचायत वार खाली पदों की सूची पोर्टल पर अपलोड करनी होगी और बताना होगी कि कितने कर्मचारियों का तबादला होना है।
  • कर्मचारी 1 से 28 फरवरी तक ट्रांसफर के लिए आवेदन कर सकेंगे। इसके बाद 30 मार्च तक काउंसलिंग कर प्राथमिकता और नियम के अनुसार 30 अप्रैल तक ट्रांसफर सूची जारी करेगा। तबादलों में कर्मचारियों के साथ काउंसलिंग भी होगी।

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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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