VVPAT Decision: सुप्रीम कोर्ट VVPAT पर्चियों की गिनती की मांग वाली याचिका पर आज सुनाएगा फैसला, जानिए क्या हैं ‘वीवीपैट’?

VVPAT Decision: सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता ने सुनवाई के दौरान कहा कि याचिका करने वालों को ध्यान रखना चाहिए कि ईवीएम के हर पहलू के बारे में आलोचनात्मक न हो। इसकी हर बात पर संदेह उत्पन्न नहीं किया जा सकता हैं।

Rishabh Namdev
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VVPAT Decision: इलेक्शन के दौरान वोटों के मिलान के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका पर सुनवाई आज होगी, दरअसल याचिका में यह दावा किया गया है कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (EVM) के साथ सभी वोटर-वेरिफायबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएट) पर्चियों का मिलान होना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट अब इस मामले में आज निर्णय दे सकता है। दरअसल गुरुवार 18 अप्रैल को कोर्ट ने इसपर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। हालांकि सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने सुनवाई के दौरान यह स्पष्ट किया कि ईवीएम के सभी पहलू पर संदेह उत्पन्न नहीं हो सकता।

जानिए क्या हैं ‘वीवीपैट’?

दरअसल ‘वीवीपैट’ एक स्वतंत्र प्रणाली है जो वोटर को अपने दिए गए वोट की पुष्टि करने की सुविधा प्रदान करती है। ‘वीवीपैट’ मतदाता को यह जानने का अधिकार देती है कि उनका वोट उसी उम्मीदवार को गया है जिसे वे चुनते हैं या नहीं। आपको जानकारी दे दें कि जब वोट दिया जाता है, तो इस प्रणाली से एक प्रिंटआउट आता है, जिसे मतदाता देख सकते हैं और इसे एक सीलबंद लिफाफे में सुरक्षित रख दिया जाता है। इस प्रक्रिया के माध्यम से, विवाद की स्थिति में, इस प्रमाण पत्र को खोला जा सकता है ताकि वोटर अपने दिए गए वोट की पुष्टि कर सके।

न्यायालय ने निर्वाचन आयोग और केंद्र से मांगा था जवाब:

जानकारी के अनुसार, न्यायालय ने निर्वाचन आयोग और केंद्र से इससे पहले एक अप्रैल को नागरिक अधिकार कार्यकर्ता अरुण कुमार अग्रवाल की याचिका पर जवाब मांगा था, जिसमें चुनावों में वीवीपैट की सभी पर्चियों की गिनती कराने का निर्देश देने का अनुरोध याचिका में किया गया था। हालांकि वर्तमान में, हर संसदीय क्षेत्र से सिर्फ पांच ईवीएम से रैंडमली चुने गए पर्चियों का मिलान किया जाता है।

क्या थी याचिका?

दरअसल न्यायालय से एडीआर ने निर्वाचन आयोग और केंद्र से मतदाताओं के वोट का सत्यापन करने के लिए निर्देश जारी करने का अनुरोध किया है। इसमें वह यह कहते हैं कि मतदान करने वाले व्यक्ति वीवीपैट के माध्यम से यह सत्यापित कर सकें कि उनका वोट ठीक से दर्ज हुआ है या नहीं। उनकी याचिका में यह भी कहा गया है कि वीवीपैट पर्ची की सहायता से मतदाता अपने मत की पुष्टि कर सकें जो कि पहले से सत्यापित हैं।


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मैंने श्री वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय इंदौर से जनसंचार एवं पत्रकारिता में स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। मैं पत्रकारिता में आने वाले समय में अच्छे प्रदर्शन और कार्य अनुभव की आशा कर रहा हूं। मैंने अपने जीवन में काम करते हुए देश के निचले स्तर को गहराई से जाना है। जिसके चलते मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार बनने की इच्छा रखता हूं।

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