वक्फ संशोधन बिल को राष्ट्रपति की मंजूरी मिली, जल्द ही लागू करने की तारीख का किया जाएगा ऐलान

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार देर शाम वक्फ संशोधन बिल को मंजूरी दे दी। अब सरकार द्वारा एक नोटिफिकेशन जारी कर कानून को लागू करने की तारीख का ऐलान किया जाएगा। बता दें कि 2 अप्रैल को लोकसभा में और 3 अप्रैल को लंबी चर्चा के बाद राज्यसभा में भी इस बिल को पास किया गया था।

शनिवार देर शाम वक्फ संशोधन बिल को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंजूरी दे दी। इसे लेकर सरकार ने गजट नोटिफिकेशन जारी किया। वहीं अब सरकार द्वारा एक अलग नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा जो कानून को लागू करने की तारीख को लेकर होगा। इससे पहले यह बिल लोकसभा और राज्यसभा में 12-12 घंटे की चर्चा के बाद पास हो चुका था।

वहीं दूसरी ओर वक्फ संशोधन (अमेंडमेंट) को लेकर AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी, कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद और आप विधायक अमानतुल्लाह खान द्वारा अलग-अलग याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई हैं, जो इस बिल को चुनौती दे रही हैं। याचिकाओं में कहा गया है कि यह बिल मुस्लिम कम्युनिटी के साथ भेदभाव कर रहा है।

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लोकसभा में 12 घंटे की चर्चा देखने को मिली

हालांकि इस बिल को लेकर पहले लोकसभा में 12 घंटे की चर्चा देखने को मिली, जिसमें मंत्री किरेन रिजिजू और गृहमंत्री अमित शाह समेत कई सांसदों ने बिल के समर्थन में बात रखी, जबकि विपक्ष ने बिल पर कई तरह के सवाल उठाए। हालांकि मंत्री किरेन रिजिजू ने यह साफ कहा कि इस कानून का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों में हो रहे पक्षपात, दुरुपयोग और अतिक्रमण को रोकना है, जबकि गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि इस बिल में किसी के साथ पक्षपात नहीं किया जाएगा, किसी की जमीन नहीं छीनी जाएगी। यह गरीब मुसलमानों के लिए लाया गया बिल है। लंबी चर्चा के बाद 2 अप्रैल की रात को लोकसभा में इस बिल को पारित कर दिया गया। बिल के पक्ष में 288 सांसदों ने वोट किया, जबकि इसके विरोध में 232 सांसदों ने वोट डाला।

बिल का मकसद मुसलमानों को जलील करना : असदुद्दीन ओवैसी

वहीं, बिल (Wakf Amendment Bill) के विपक्ष में रहे एआईएमआईएम के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि इस बिल का मकसद मुसलमानों को जलील करना है। इसी बीच उन्होंने संसद में ही बिल को फाड़ दिया और संसद की कार्यवाही छोड़कर चले गए।

वहीं, गृहमंत्री अमित शाह ने भी बिल के समर्थन में कई बातें कहीं। उन्होंने कहा कि वक्फ में गैर-इस्लामिक संपत्तियां नहीं आएंगी और ऐसा कोई भी प्रावधान इसमें शामिल नहीं किया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि वोट बैंक की राजनीति के लिए अल्पसंख्यकों को डराया जा रहा है।

बिल गरीबों के हित में लाया गया: गृहमंत्री अमित शाह

गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि यह बिल गरीबों के हित में लाया गया है। चर्चा के दौरान केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि दुनिया में सबसे ज्यादा वक्फ प्रॉपर्टी भारत में है, तो इसका इस्तेमाल गरीब मुसलमानों को आगे बढ़ाने के लिए क्यों नहीं किया गया? जनकल्याण के लिए इसका उपयोग क्यों नहीं हुआ? उन्होंने कहा कि आज नरेंद्र मोदी सरकार गरीब मुसलमानों के लिए काम कर रही है, तो विपक्ष को इसमें परेशानी क्यों हो रही है?

विपक्ष यह भ्रम फैला रहा: संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू (UMEED)

रिजिजू ने कहा कि विपक्ष यह भ्रम फैला रहा है कि इस बिल के पास हो जाने से सरकार मस्जिदें और दरगाहें छीन लेगी या मुसलमानों की प्रॉपर्टी हड़प लेगी। लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है, यह झूठ है। जो प्रॉपर्टी पहले से रजिस्टर्ड हो चुकी हैं और जहां लोग निवास कर रहे हैं, उन पर किसी भी प्रकार की दखलंदाजी नहीं की जाएगी। किसी के अधिकारों का हनन नहीं होगा। जिन प्रॉपर्टी पर विवाद चल रहा है, उन पर भी कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।

वक्फ बोर्ड में शिया, सुन्नी, बोहरा, मुस्लिम महिलाएं, एक्सपर्ट और नॉन-मुस्लिम भी शामिल रहेंगे

वक्फ बोर्ड में शिया, सुन्नी, बोहरा, मुस्लिम महिलाएं, एक्सपर्ट और नॉन-मुस्लिम भी शामिल रहेंगे। मंत्री रिजिजू ने कहा कि पहले कहा गया था कि कोई भी भारतीय वक्फ बना सकता है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए इस कानून को संशोधित (UMEED) किया गया है। अब वक्फ सिर्फ वही क्लेम कर सकता है, जो कम से कम 5 साल से इस्लाम धर्म को मानता हो। वक्फ बोर्ड के मेंबर नॉन-मुस्लिम भी हो सकते हैं, और इसमें दो महिलाएं भी होनी चाहिए।

इस दौरान मंत्री रिजिजू ने विपक्ष पर बड़ा हमला किया। उन्होंने सवाल उठाया कि यह कैसा प्रावधान था कि वक्फ का जो कानून है, वह देश के किसी भी मौजूदा कानून से ऊपर रहेगा? कोई सरकार देश में ऐसे कानून को कैसे मंजूर कर सकती है? 2013 में जो बिल पास हुआ था, उस पर ताज्जुब है।


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Rishabh Namdev

Rishabh Namdev

मैंने श्री वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय इंदौर से जनसंचार एवं पत्रकारिता में स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। मैं पत्रकारिता में आने वाले समय में अच्छे प्रदर्शन और कार्य अनुभव की आशा कर रहा हूं। मैंने अपने जीवन में काम करते हुए देश के निचले स्तर को गहराई से जाना है। जिसके चलते मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार बनने की इच्छा रखता हूं।

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