Project Cheetah: भारत में जीवों के प्रति प्रेम को दुनिया के सामने दिखाने का एक बेहद ही खास मौका हमारे सामने आने वाला है। केंद्र ने प्रोजेक्ट चिता (Project Cheetah) नामक वेब सीरीज के चार भागों के फिल्मांकन को मंजूरी दे दी है। जी हां, इस वेब सीरीज में चीतों की विलुप्ति से लेकर अफ्रीका से भारत लाने और उन्हें यहां बसाने तक की कठिन कहानी दर्शाई जाएगी।
ऐसा पहली बार होने जा रहा है जब एक महाद्वीप से दूसरे महाद्वीप में चीतों को बसाने की प्रक्रिया को इतनी विस्तृत और फिल्मी अंदाज में पेश किया जाएगा। इस वेब सीरीज का मुख्य उद्देश्य भारत के प्रयासों को पूरी दुनिया के सामने लाना है। ऐसा कहा जा रहा है कि इस वेब सीरीज की शूटिंग सितंबर से शुरू हो सकती है, यह भी अंदाजा लगाया जा रहा है कि इस वेब सीरीज की शूटिंग 17 सितंबर यानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन और प्रोजेक्ट चीता की दूसरी वर्षगांठ के आसपास शुरू होगी।
‘Project Cheetah’ वेब सीरीज के प्रस्ताव को दी मंजूरी
राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (National Tiger Conservation Authority) के उप महानिरीक्षक वैभव चंद्र माथुर ने मध्य प्रदेश के मुख्य वन्य जीव वार्डन को 21 जुलाई को एक जरूरी पत्र लिखा। इस पत्र में उन्होंने बताया कि एनटीसीए की तकनीकी समिति ने प्रोजेक्ट चिता पर आधारित एक चार भाग की वेब सीरीज के फिल्मांकन की प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इस वेब सीरीज में अफ्रीका से लाए गए चीतों की भारत में बसाहट की पूरी कहानी को दिखाया जाएगा।
पत्र में यह भी कहा गया है कि कृपया मेसर्स शेन फिल्म्स और प्लाटिंग प्रोडक्शन को कूनो राष्ट्रीय उद्यान और गांधीनगर वन्य जीव अभ्यारण्य में फिल्मांकन करने की अनुमति दी जाए। यह फिल्मांकन मानक नियमों और शर्तों के अनुसार किया जाएगा ताकि भारत के प्रयासों को पूरी दुनिया के सामने अच्छी तरह से प्रस्तुत किया जा सके। इसके बाद 6 अगस्त को राज्य के मुख्य वन्यजीव वार्डन ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।
‘Project Cheetah’ का उद्देश्य और दिक्कतें
प्रोजेक्ट चीता वेब सीरीज का मुख्य उद्देश्य है की चीतों को भारत लाने में आई मुश्किलें, उनकी मौजूदा स्थिति और भविष्य की उम्मीदों को लोगों को दिखाया जाए।
वेब सीरीज बनाने वालों ने प्रोजेक्ट चिता को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए 50 लाख रुपए की वित्तीय सहायता की मांग की है। इस सहायता की मदद से वे सीरीज के निर्माण और फिल्मांकन की लागत को कवर करना चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने मध्य प्रदेश पर्यटन विभाग और एमपी टाइगर फाउंडेशन से संपर्क किया है।
जानकारी के अनुसार अब तक अफ्रीका से 20 चीतों को भारत लाया जा चुका है। सितंबर 2022 में 8 चीते नामीबिया से और फरवरी 2023 में 12 जीते दक्षिण अफ्रीका से लाए गए थे। इनमें से कुछ चीतों को शुरू में जंगल में छोड़ दिया गया था। लेकिन पिछले साल 13 अगस्त को तीन चीतों की सेप्टोसिमिया (खून से संक्रमण) से मौत हो गई। इसके बाद इन चीतों को फिर से बाड़ों में रखा गया।