कौन हैं IPS अनु बेनीवाल? जिनपर उठे EWS आरक्षण को लेकर सवाल, पिता के नाम पर ट्रोलिंग का बनी शिकार

IPS अनु बेनीवाल, जो मध्य प्रदेश कैडर की अधिकारी हैं, हाल ही में EWS आरक्षण को लेकर विवादों में घिर गई हैं। उन पर आरोप है कि उन्होंने अपने पिता के IPS अधिकारी होने के बावजूद EWS कोटा का लाभ उठाया।

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महाराष्ट्र कैडर की ट्रेनी IAS अधिकारी पूजा खेडेकर हाल ही में विवादों में घिर गई हैं। उन पर आरोप है कि उन्होंने आरक्षण का फर्जी सर्टिफिकेट दिखाकर UPSC में रैंक हासिल की। इस मुद्दे के उजागर होने के बाद सोशल मीडिया पर सवालों की बाढ़ आ गई है। लोग पूछ रहे हैं कि पूजा की तरह कितने और लोगों ने फर्जी कागजात का उपयोग करके UPSC की सूची में अपनी जगह बनाई होगी। यह मामला गंभीर चिंता का विषय बन गया है, क्योंकि यह फर्जीवाड़ा सरकारी सेवाओं में प्रवेश की प्रणाली की विश्वसनीयता को चुनौती देता है। इसी तरह का एक आरोप IPS अधिकारी अनु बेनीवाल पर भी लगा है।

अनु बेनीवाल ने 2021 में EWS के तहत UPSC में सफलता हासिल की

मध्य प्रदेश कैडर की IPS अधिकारी अनु बेनीवाल ने 2021 में EWS कोटा के तहत UPSC में सफलता हासिल की थी। हाल ही में पूजा खेडेकर पर लगे आरोपों के बाद, अनु बेनीवाल का एक इंस्टाग्राम पोस्ट भी वायरल हो गया है। इस पोस्ट में उन्होंने UPSC की सूची में अपने नाम की तस्वीर साझा की है, जिसकी तुलना 2021 के अन्य परीक्षार्थियों से की गई है। सोशल मीडिया पर कुछ यूजर्स का कहना है कि अनु बेनीवाल के पिता भी एक IPS अधिकारी हैं, फिर भी उन्होंने EWS कोटा का लाभ उठाया है।

पिता के नाम पर ट्रोलिंग

लेडी IPS अधिकारी अनु बेनीवाल को उनके पिता के नाम पर ट्रोलिंग का सामना करना पड़ा। कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर उनके पिता का नाम गलत तरीके से जोड़ते हुए उन्हें IPS संजय बेनीवाल का रिश्तेदार बताया। IPS अधिकारी अनु बेनीवाल को लेकर एक विवाद खड़ा हो गया है। सोशल मीडिया पर आरोप लगाए गए हैं कि उन्होंने अपने पिता के नाम का गलत इस्तेमाल कर UPSC परीक्षा में EWS सर्टिफिकेट का लाभ उठाया। इन आरोपों के जवाब में अनु बेनीवाल ने स्पष्ट किया है कि उनके पिता का नाम भी संजय बेनीवाल है और वे पेशे से किसान हैं। यह एक संयोग मात्र है कि उनके पिता और IPS संजय बेनीवाल का नाम एक ही है, और दोनों के बीच खून का कोई रिश्ता नहीं है। अनु बेनीवाल ने EWS सर्टिफिकेट के गलत इस्तेमाल के आरोप को भी खारिज किया है और मामले की शिकायत ग्वालियर साइबर सेल में की है।

फर्जी सर्टिफिकेट का लगा आरोप

दरअसल, सोशल मीडिया पर एक इंस्टाग्राम पोस्ट का स्क्रीनशॉट और UPSC 2022 परीक्षा पास करने वाले उम्मीदवारों की सूची साझा की गई है। इस लिस्ट में अनु बेनीवाल के पिता का नाम संजय बेनीवाल लिखा है। आरोप लगाया गया है कि IPS अधिकारी की बेटी होने के बावजूद अनु बेनीवाल ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) कोटे का लाभ उठाकर UPSC एग्जाम दिया।

वास्तव में अनु के पिता किसान हैं

साल 2022 के IPS अधिकारी अनु बेनीवाल ने बताया, “मेरे पिता का नाम संजय बेनीवाल है, लेकिन वे IPS अधिकारी नहीं हैं। वे किसान हैं और स्कूली शिक्षा प्राप्त नहीं की। वे दिल की बीमारी और सुनने की समस्या से पीड़ित रहे हैं। मुझे मेरे माता-पिता पर गर्व है, जो मेरे सपनों को पूरा करने में मेरे साथ हैं। उन्होंने मेरी खुशी के लिए हमेशा समर्थन दिया, भले ही उन्हें स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं थीं।”

अनु बेनीवाल ने अपने माता-पिता के साथ की कुछ तस्वीरें भी साझा कीं। उन्होंने बताया कि कई साल पहले उनके पिता ने एक काम शुरू किया था, लेकिन स्वास्थ्य समस्याओं के कारण उसे जारी नहीं रख सके। उनके चाचा ने उस काम को संभाला। अनु के परिवार के पास खुद की कोई संपत्ति नहीं है। इन तथ्यों के साथ, अनु ने सभी आरोपों का खंडन किया है और इस मामले की जांच के लिए ग्वालियर साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराई है।

IPS संजय बेनीवाल सिर्फ रोल मॉडल हैं, खून का रिश्ता नहीं है

अनु बेनीवाल ने बताया, “मैं दिल्ली के पीतमपुरा गांव की निवासी हूं, जहां से संजय बेनीवाल आईपीएस हैं। संयोगवश, उनके और मेरे पिता का नाम समान है। गांव के लोग उन्हें ताऊ कहकर पुकारते हैं, और इसी नाते मैं भी उन्हें ताऊ बुलाती हूं।” उन्होंने बताया कि गांव में सभी का सरनेम बेनीवाल है। हालांकि, IPS संजय बेनीवाल से उनका खून का रिश्ता नहीं है, लेकिन वे उनके रोल मॉडल हैं। संजय बेनीवाल से प्रेरित होकर ही उन्होंने UPSC की तैयारी की और आईपीएस बनने का निर्णय लिया। वर्तमान में, संजय बेनीवाल तिहाड़ जेल के डायरेक्टर जनरल हैं।

 

 

 

 

 

 


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भावना चौबे

भावना चौबे

इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं। मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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