बेंगलुरु, डेस्क रिपोर्ट। केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री ए नारायणस्वामी से ऐसी गलती हो कि जिसनें भी सुना हैरान रह गया।दरअसल मंत्री जी गलती से शहीद जवान की जगह जीवित सैनिक के घर शोक संवेदना व्यक्त करने पहुंच गए। घटना बैंगलुरु के मुलागुंड जिले की है, जहां मंत्री जी एक जवान के घर पहुंचे, जवान के घर पहुंचकर मंत्री जी ने शोक संवेदना प्रकट की और ऐलान कर दिया कि परिजनों को सरकारी नौकरी दी जायेगी। लेकिन जिस जवान के घर यह उसे शहीद मानकर पहुंचे थे दरअसल वह जिंदा था और ड्यूटी पर था। शायद उनसे यह गलती स्थानीय नेताओं की तरफ से गलत जानकारी दिए जाने के कारण हुई है। दरअसल, मोदी सरकार के कैबिनेट विस्तार के बाद हाल ही में मंत्री बनाए गए नारायणस्वामी जन आशीर्वाद यात्रा के तहत कर्नाटक के गाडग जिले में थे।
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नारायणस्वामी को रविकुमार कट्टिमणि के घर ले जाया गया, जो वर्तमान में जम्मू-कश्मीर क्षेत्र में तैनात हैं। उन्हें बसवराज हिरेमठ के घर जाना था, जिनकी एक साल पहले पुणे में मृत्यु हो गई थी। मंत्री के यात्रा कार्यक्रम के हिस्से के रूप में वह मृत सैनिक के परिवार से मिलने और उनके प्रति संवेदना व्यक्त करने वाले थे मंत्री नारायणस्वामी, जो सांसद शिवकुमार उदासी के साथ जिले के देरी से मुलागुंड पहुंचे, जहां से उनको कट्टिमणि के घर पर ले जाया गया। इस दौरान मंत्री को देखकर परिवार के लोग भी आश्चर्यचकित हो गए। इस दौरान जब मंत्री ने जवान के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी और जमीन दिए जाने का ऐलान किया तो परिवार के लोग हैरान रह गए।
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जिसके बाद में एक स्थानीय भाजपा कार्यकर्ता, जो परिवार के बारे में जानता था। उसने सिपाही कट्टिमणि को वीडियो कॉल किया और मंत्री से सीधे बात कराई, ऐसे में मंत्री ने अपनी गलती को महसूस किया और स्थिति को संभालते हुए सैनिक की प्रशंसा की। परिवार के सदस्यों का अभिनंदन किया।इधर, पार्टी सूत्रों ने बताया कि सिपाही के घर से निकलने के बाद मंत्री ने स्थानीय भाजपा नेताओं को गलत सूचना देकर उन्हें शर्मिंदा करने का आरोप लगाया। हालांकि बाद में मंत्री शहीद सैनिक हिरेमठ से मिलने नहीं गए।