वहीं, इस दिन सेमिनार, कार्यशाला, जागरूकता प्रदर्शन, प्रश्नोत्तरी, और जनसमूहों में खाद्य सुरक्षा को लेकर चर्चाएं, इत्यादि। इस दिन लोगों को सुरक्षित और पौष्टिक खाद्य पदार्थों का उपभोग करने की महत्वपूर्णता और उनके खाद्य में संभव रूप से मौजूद बाधाओं के बारे में जागरूक किया जाता है। तो चलिए आज के आर्टिकल में हम आपको इस दिन से जुड़ा इतिहास और महत्तव बताते हैं।
विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस का इतिहास
यूनाइटेड नेशंस जनरल असेंबली ने 20 दिसंबर 2018 को फूड सेफ्टी डे मनाने का फैसला किया। तब से लेकर इस दिन को हर साल 7 जून के रूप में मनाया जाने लगा। दरअसल, इस दिन का मकसद है कि लोग फूड सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं और उसके अलग-अलग फायदों को समझें। इस दिन खाद्य सुरक्षा को लेकर जागरूकता फैलाई जाती है। इस दौरान लोगों को सुरक्षित और पौष्टिक खाद्य पदार्थों का महत्व समझाया जाता है। बता दें कि इससे पहले वर्ल्ड फूड सेफ्टी डे पहली बार 7 जून 2019 को मनाया गया था। जिसके बाद, हर साल इसे मनाया जाने लगा।
वर्ल्ड फूड सेफ्टी डे का महत्व
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, हर साल दूषित खानपान के कारण लाखों लोग बीमार हो जाते हैं और उनमें से कई लोगों की मौत होती है। विशेष रूप से बच्चों, महिलाओं और बुजुर्ग लोगों को इससे ज्यादा प्रभावित होते हैं। ये बीमारियां पैरासाइट, वायरस और बैक्टीरिया जैसे दूषित तत्वों के कारण होती हैं जो आंखों से दिखाई नहीं देते हैं। विश्व फूड सेफ्टी डे को मनाने का मुख्य उद्देश्य यह है कि लोग खाने से संबंधित जोखिमों को पहचानें, उन्हें रोकें और इसके बारे में जागरूक हों।
विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस का थीम
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) हर साल विश्व फूड सेफ्टी डे को मनाने के लिए एक विशेष थीम का चयन करती है। इस वर्ष यानि 2023 में उसकी थीम है ‘खाद्य मानक जीवन बचाते हैं (Food standards save lives)’। इस थीम के माध्यम से लोगों को खाने के लिए निर्धारित मानकों के महत्व को समझाने का प्रयास किया जाता है। पिछले वर्ष साल 2022 में थीम ‘सेफ फूड बेटर हेल्थ’ थी।
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना अलग-अलग जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की जानकारी की पुष्टि नहीं करता है।)