World Nature Conservation Day 2023 : आज विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस है। हर साल 28 जुलाई को प्रकृति के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को याद रखने और उसे निभाने के संकल्प के साथ ये दिन मनाया जाता है। प्रकृति हमारे लिए अनमोल उपहार है। हमारे स्वास्थ्य, खुशियाँ और अच्छे जीवन का सबसे महत्वपूर्ण स्रोत है इसलिए जरुरी है कि हम प्रकृति को समझने और संरक्षित रखने की जिम्मेदारी भी उठाएं।
प्रकृति के महत्व को समझें
प्रकृति हमारे जीवन के हर पहलू से जुड़ी है। वृक्ष, वन्यजीवन, जल, जलवायु, और भूमि समेत सभी प्राकृतिक संसाधन हमारी जरूरतों को पूरा करने में मदद करते हैं। हमारी रोजमर्रा की जिंदगी प्रकृति के अनुसार चलनी चाहिए, क्योंकि हमारी अधिकांश गतिविधियाँ इससे जुड़ी हुई हैं। वन्यजीवन हमें आकर्षित करता है, हमारे अस्तित्व के लिए जरूरी है और पृथ्वी के इस अमूल्य खजाने को संरक्षित रखने की जिम्मेदारी हमारी है। इसीलिए प्राकृतिक संसाधनों को बचाना आवश्यक है। वनों को काटने, जल संपदा के अनुचित उपयोग और प्राकृतिक संसाधनों के अन्य उपयोग में मनुष्य गलतियाँ कर रहा है। इससे पृथ्वी के अस्तित्व को खतरा हो रहा है। ग्लोबल वार्मिंग इसका सबसे अलार्मिंग पहलू है।
ग्लोबल वार्मिंग एक वैज्ञानिक तथा पर्यावरणीय समस्या है, जो विश्वभर में जलवायु परिवर्तन के कारण हो रही है। इस कारण पृथ्वी के वायुमंडल में कई ग्रीनहाउस गैसेस जैसे कि कार्बन डाईऑक्साइड (CO2), मेथेन (CH4), नाइट्रस ऑक्साइड (N2O) आदि की मात्रा में वृद्धि होने की वजह से पृथ्वी का तापमान बढ़ रहा है। इससे जलवायु बदल रहा है और कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इसे रोकने के लिए प्रकृति का संरक्षण करना बेहद आवश्यक है।
प्रकृति का संरक्षण आवश्यक
प्रकृति का संरक्षण करना हम सभी की जिम्मेदारी है, क्योंकि प्रकृति हमारे जीवन का संचार और समृद्धि का स्रोत है। इसे संरक्षित रखने से हम अपने आगामी पीढ़ियों के लिए सुरक्षित और स्वच्छ वातावरण सुनिश्चित करते हैं। यहां कुछ प्रमुख तरीके हैं जिनसे हम प्रकृति का संरक्षण कर सकते हैं:-
पेड़ों का संरक्षण : पेड़ है तो पृथ्वी पर जीवन है। पेड़ों के बिना हमारे जीवन की यात्रा असंभव है। इसीलिए अधिक से अधिक वृक्षारोपण करें और पेड़ों को संरक्षित रखने का काम करें। इससे हम प्राकृतिक संतुलन को बनाए रख सकते हैं। पेड़ वायुमंडल को शुद्ध रखते हैं और जलवायु परिवर्तन से लड़ने में मदद मिलती है।
वन्यजीवन संरक्षण : वन्यजीवन की संरक्षा एक प्राथमिकता होनी चाहिए। वनों को कटाई, जलाई या अन्य तरीकों से हानि पहुंचाने से बचें। वन्यजीवन को बढ़ावा देने के लिए पौधों को लगाने, वृक्षारोपण करने, और पेड़ पौधों की देखभाल करने में सक्रिय भागीदारी करें। इसी के साथ वन्य प्राणियों की रक्षा भी की जानी चाहिए और उन्हें उनके प्राकृतिक वातारवण में स्वतंत्र रहने देना चाहिए।
जल संरक्षण : पानी सबसे अनमोल संसाधन है, इसे संरक्षित रखने के लिए जल संचय और जल उपचय के उपायों का उपयोग करें। बरसाती व स्तायी जल संचयन की योजनाएं बनाएं, छतों पर पानी रोकने का प्रयास करें और जल संचयन की तकनीकों का इस्तेमाल करें। समुद्र तटों और नदी घाटों की सफाई में भी सहयोग करें ताकि पानी की बदलती स्तिथि को संरक्षित किया जा सके।
जलवायु परिवर्तन से निपटना : जलवायु परिवर्तन के बढ़ते प्रभावों से निपटने के लिए ऊर्जा की बचत के उपाय अपनाएं। ऊर्जा का सही उपयोग करें, बिजली और पेट्रोलियम उत्पादन में अधिकतम उत्पादन का समर्थन करें, और विद्युतीकरण में अल्टर्नेटिव स्रोतों का उपयोग करें।
प्रदूषण नियंत्रण : वायु, जल, और मिट्टी के प्रदूषण को कम करने के लिए गाड़ियों, कारखानों, और इंडस्ट्रीज के धुएं निकलने को नियंत्रित करें। प्लास्टिक और अन्य विषैले पदार्थों के उपयोग में सावधानी बरतें और उन्हें विशेषज्ञता से संग्रहित करें।