World sight day : अपनी आंखों का रखें ध्यान, विश्व दृष्टि दिवस पर लें नेत्रदान का संकल्प

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। आज विश्व दृष्टि दिवस (World sight day) है। आंखों के महत्व से भला कौन परिचित नहीं। आंखें हैं तो दुनिया की सारी नेमतें हैं। अपनी दृष्टि के कारण ही हम जीवन के रंग और सौंदर्य देख पाते हैं। ये दिन आंखों की सेहत, सुरक्षा और इसे लेकर जागरुकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है। आज के दिन हमें प्रकृति का आभार भी व्यक्त करना चाहिए कि उसने हमें दृष्टि प्रदान की। साथ ही वे लोग जो देख नहीं पाते, उनके जीवन में रोशनी फैलाने के लिए नेत्रदान का संकल्प भी लेना चाहिए।

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विश्व दृष्टि दिवस हर साल अक्टूबर के दूसरे गुरुवार को मनाया जाता है। पहला विश्व दृष्टि दिवस 8 अक्टूबर 1998 को मनाया गया था और इसकी शुरुआत लायंस क्लब इंटरनेशनल फाउंडेशन (LCIF) के ”साइट फर्स्ट कैंपन” के द्वारा हुई थी। ये संगठन दुनिया भर की आंखों के लिए काम करता है, मतलब दुनियाभर में आंखों की बीमारी, उससे जुड़े जोखिम और देखभाल को लेकर जागरुकता का प्रसार करता है। अब इंटरनेशनल एजेंसी फॉर द प्रिवेंशन ऑफ ब्लाइंडनेस (IAPB) द्वारा हर साल विश्व दृष्टि दिवस का आयोजन किया जाता है। आईएपीबी संस्था भी आंखों के स्वास्थ्य पर काम करती है।

इस साल की थीम ‘अपनी आंखों से प्यार करो’ (Love your eyes) है। जैसे जैसे दुनिया डिजिटल होती जा रही है, हम अपनी आंखों के साथ अधिक खिलवाड़ करने लगे हैं। हमारा स्क्रीन टाइम इतना बढ़ गया है कि आंखों पर लगातार ज़ोर पड़ रहा है और इस कारण स्ट्रेस, बर्निंग आई, आंखों में लाली, थकान और सिरदर्द जैसी समस्याएं आम हो गई है। ये थीम एक चेतावनी भी है कि हम प्रकृति के इस अनुपम उपहार की सुरक्षा करें और आंखों के महत्व को समझें। इसी के साथ आंखों के लिए काम करने वाली संस्थाएं हमेशा नेत्रदान (eye donation) की अपील भी करती है। हमें इस मुहिम से जुड़ना चाहिए और नेत्रदान को लेकर अपनी हिचक तोड़ना चाहिए। हमारे जाने के बाद भी हमारी आंखें इस दुनिया में जीवित रह सकती है और किसी के जीवन में उजियारा ला सकती है, इससे नेक काम भला और क्या होगा। तो आज इस खास दिन हम भी आपसे अपील करते हैं कि अपनी आंखों का खूब ध्यान रखें और नेत्रदान का संकल्प लें।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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