लखनऊ, डेस्क रिपोर्ट। मोदी कैबिनेट के बाद अब यूपी विधानसभा चुनावों से पहले योगी मंत्रिमंडल (UP Cabinet Expansion) विस्तार की अटकलें तेज हो गई है। माना जा रहा है कि मोदी कैबिनेट की तर्ज पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) यूपी कैबिनेट का विस्तार कर सकते है, जिसमें जातीय, क्षेत्रीय समीकरण के साथ युवाओं को अधिक मौका दिया जा सकता है।वही कैबिनेट में दलित, पिछड़ा वर्ग के साथ ब्राह्मणों को भी प्रतिनिधित्व मिलने की संभावना है।
सुत्रों की मानें तो रविवार को बीजेपी और संघ के साथ हुई बैठक में मंत्रिमंडल विस्तार (Yogi Cabinet Expansion) को हरी झंडी मिल गई है, ऐसे में माना जा रहा है कि इसी महिने के आखरी में विस्तार की तारीख की घोषणा सीएम योगी आदित्यनाथ से चर्चा के बाद की जा सकती है।
सुत्रों की मानें तो योगी कैबिनेट का विस्तार भी मोदी कैबिनेट मॉडल (Modi Cabinet Expansion) के तहत किया जा सकता है, इसमें 5-7 नए नाम शामिल किए जा सकते हैं। जातिय समीकरण को साधते हुए ब्राह्मण चेहरे के तौर पर जितिन प्रसाद की एंट्री हो सकती है, उन्हें विधानपरिषद के जरिए मंत्रिमंडल में लाया जा सकता है। वहीं, कायस्थ समुदाय को साधने के लिए ओपी श्रीवास्तव का नाम सबसे आगे चल रहा है।इसके साथ ही यूपी मंत्रिमंडल में एक महिला नेता की भी अटकलें लगाई जा रही है।
वही उम्रदराज और कमजोर प्रदर्शन करने वाले मंत्रियों को बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है। इनमें सहकारिता मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा, पशुधन एवं मत्स्य मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी, लोक निर्माण राज्यमंत्री चंद्रिका प्रसाद, खादी एवं ग्रामोद्योग मंत्री चौधरी उदय भान सिंह का नाम चर्चा में बना हुआ है। माना जा रहा है कि पार्टी विस्तार के जरिये 4 मंत्रियों को हटा भी सकती है। ये वे मंत्री हैं जो उम्रदराज़ हो चुके हैं और उनके कामकाज से ठीक भी नहीं है। हालांकि संघ ने आगामी चुनावों को देखते हुए किसी को भी ना हटाने की सलाह दी है।
बता दे कि वर्तमान में योगी कैबिनेट में यूपी मंत्रिमंडल में सीएम के अलावा 22 कैबिनेट मंत्री, 9 राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 21 राज्यमंत्री यानी कुल 53 लोग शामिल हैं। कैबिनेट में 60 लोग शामिल हो सकते हैं, इस वजह से अधिकतम सात नए मंत्रियों को शामिल किया जा सकता है।सूत्रों का दावा है कि विधानसभा के मानसून सत्र से पहले मंत्रिमंडल विस्तार किया जाएगा। इसमें ओबीसी, ब्राह्रण के साथ ही अन्य जातियों को साधने की कोशिश हो सकती है।