दहेज की डिमांड ने ली एक पिता की जान, बेटी के शादी के कार्ड पर लिखा सुसाइड नोट

हरियाणा, डेस्क रिपोर्ट। अपनी बेटी की शादी करना हर बाप का सपना होता है, मगर कैसा हो जब बेटी की शादी ही बाप के लिए फांसी का फंदा बन जाए, एक ऐसा ही मामला हरियाणा के रेवाड़ी से आया है, जहां दहेज की मांग के चलते एक पिता ने अपनी बेटी के शादी कार्ड पर ही सुसाइड नोट लिखकर मौत को गले लगा लिया।

पेशे से ट्रांसपोर्ट का काम करने वाले कैलाश तंवर से उसके बेटी के होने वाले ससुर ने 30 लाख रूपए की शादी करने की डिमांड की थी, लेकिन कैलाश तंवर ने 13 से 15 लाख रुपए तक का इंतजाम तो कर लिया था पर अचानक से 30 लाख के दहेज की डिमांड से परेशान होकर उसने आत्महत्या कर ली।


About Author
Gaurav Sharma

Gaurav Sharma

पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।