एमपी ब्रेकिंग खबर का असर, वर्जित भूमि की रजिस्ट्री को लेकर तहसीलदार और पटवारी को नोटिस जारी

शिवपुरी, शिवम, पाण्डेय। एक बार फिर एमपी ब्रेकिंग न्यूज की खबर का बड़ा असर हुआ है। इस खबर को सबसे पहले 8 अक्टूबर को हमारे द्वारा विशेष रूप से प्रकाशित किया था। आपको बता दें कि जिले के खनियाधाना नगर में विक्रय से वर्जित 5 करोड़ रुपए कीमत की जमीन की रजिस्ट्री मामले में एसडीएम ने थाना प्रभारी को पत्र लिखा है, जिसमें सब रजिस्ट्रार के खिलाफ जांच कर आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध करने का जिक्र है। सब रजिस्ट्रार को जिम्मेदार मानकर केस दर्ज करने की तैयारी है। जबकि सब रजिस्ट्रार ने इस कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं। सब रजिस्ट्रार का कहना है कि तहसील से जारी किताब और ऑनलाइन खसरे में विक्रय से वर्जित अंकित नहीं है। इसी आधार पर रजिस्ट्री हो गई। वास्तविकता में तहसीलदार और पटवारी इसके लिए जिम्मेदार हैं। एसडीएम पिछोर केआर चौकीकर ने खनियाधाना थाना प्रभारी को पत्र लिखा है।

खनियाधाना तहसील के पटवारी हल्का पोठयाई हल्के में शासकीय भूमि सर्वे नंबर 1/744 रकवा 0.32 हैक्टेयर पर तथाकथित व्यक्तियों द्वारा उप पंजीयक खनियाधाना की मिलीभगत से विक्रय पत्र संपादित कराए हैं। उक्त संबंध में उप पंजीयक खनियाधाना को 21 अक्टूबर 2020 को कारण बताओ नोटिस जारी किया। जवाब का अवलोकन करने पर उप पंजीयक के तर्कों को समक्ष सुना। जवाब आवेदन में उल्लेखित तथ्य एवं उप पंजीयक खनियाधाना के तर्क संतोषजनक नहीं होने के कारण शासकीय भूमि के उक्त अवैध विक्रय में एमएल सोनी उप पंजीयक खनियाधाना की संलिप्तता प्रतीत होती है। इसलिए उपरोक्त तथ्यों के आधार पर उप पंजीयन सोनी के खिलाफ कार्रवाई हो।


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।