किसान आंदोलन : किसानों का समर्थन करने पहुंचे Vijender Singh, कहा- लौटा दूंगा राजीव गांधी खेल रत्न

नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। कृषि बिल (Agriculture bill) के खिलाफ किसानों का आंदोलन (Farmers Protest) हरियाणा-दिल्ली की सिंधु बॉर्डर (Sindhu Border) पर रौद्र रूप लेता जा रहा है। किसानों (Farmers) के द्वारा किए जा रहे इस आंदोलन में फिल्म जगत (Film Industry) से लेकर खेल जगत (Sports Industry) तक के लोग उनका समर्थन (Support) कर रहे हैं। बीते दिन पंजाबी सिंगर दिलजीत दोसांझ (Diljit Dosanjh) किसानों को सपोर्ट करने के लिए सिंधु बॉर्डर पहुंचे थे। वही बॉक्सर विजेंदर सिंह (Boxer Vijender Singh) किसानों के आंदोलन (Farmer Protest) में शामिल हुए। विजेंदर सिंह ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि अगर किसानों की मांग नहीं मानी गई तो वह अपना राजीव गांधी खेल रत्न अवॉर्ड (Rajiv Gandhi Khel Ratn Award) लौटा देंगे।

किसान आंदोलन (Farmer Protest)  को समर्थन देने के लिए किसानों के बीच पहुंचे विजेंदर सिंह ने आगे कहा कि मैंने पंजाब से ट्रेनिंग ली है। उनकी रोटी खाई है। आज जब वह ठंड में है तो मैं उनके भाई के रूप में यहां आया हूं। हरियाणा के कई खिलाड़ी भी यहां आना चाहते हैं, लेकिन नौकरी की वजह से वह परेशानी में आ सकते हैं । उनके द्वारा संदेश भेजा गया है कि वह किसानों के साथ है।


About Author
Gaurav Sharma

Gaurav Sharma

पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।