बैतूल।
लोकसभा चुनाव से पहले बैतूल में कांग्रेस को लगातार मजबूती मिल रही है।अब बैतूल के पाथाखेड़ा में कांग्रेस छोड़कर सपा में गए घोड़ाडोंगरी के पूर्व विधायक की घर वापसी हो गई है। वहीं सारणी नगरपालिका के पूर्व भाजपा अध्यक्ष और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के जिला संयोजक ने भी कांग्रेस का दामन थाम लिया है। इससे पहले आमला के पूर्व भाजपा विधायक चैतराम मानेकर और कांग्रेस के युवा आदिवासी नेता राहुल चौहान को भाजपा में शामिल हुए थे। लगातार नेताओं की तोड़फोड़ से बीजेपी को बड़ा झटका लगा है।
दरअसल, लोकसभा चुनाव से नेताओं का दल बदलने का सिलसिला तेजी से चल रहा है। कई नेता एक दल को छोड़कर दूसरे में शामिल हो रहे है तो कई अपनी वापसी में जुटे हुए है। आमला के पूर्व भाजपा विधायक चैतराम मानेकर और कांग्रेस के युवा आदिवासी नेता राहुल चौहान के बाद अब सारणी नगरपालिका के पूर्व भाजपा अध्यक्ष मनोज डेहरिया ने कांग्रेस ज्वाइन कर ली है, वही बैतूल के पाथाखेड़ा में कांग्रेस छोड़कर सपा में गए घोड़ाडोंगरी के पूर्व विधायक प्रतापसिंह उइके की घर वापसी हो गई है। इसके साथ ही धानसभा चुनाव में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी से चुनाव लड़ने वाले राकेश महाले ने भी कमलनाथ की मौजूदगी में कांग्रेस का दामन थाम लिया। इससे कांग्रेस को बड़ी मजबूती मिली है। चुंकी विधानसभा चुनाव के दौरान भी कांग्रेस चार सीटें खीेचने में कामायबा हुई थी। वही लगातार हो रही तोड़फोड़ के कारण बीजेपी मे हलचल मची हुई है।
एक नजर बैतूल लोकसभा सीट पर
मध्य प्रदेश की 29 लोकसभा सीटों में से एक है बैतूल लोकसभा सीट। अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवार के लिए यह लोकसभा सीट आरक्षित है। बैतूल लोकसभा सीट के अंतर्गत विधानसभा की 8 सीटें आती हैं, मुलताई, घोड़ाडोंगरी, हर्दा, अमला,भैंसदेही, हरसूद,बैतूल, तिमरनी विधानसभा सीटें हैं। इन 8 विधानसभा सीटों में से 4 पर कांग्रेस और 4 पर बीजेपी का कब्जा है। 2014 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी की ज्योति ध्रूव ने कांग्रेस अजय शाह मकडाई को 3 लाख से ज्यादा वोटों से हराया था।