Love Jihad : देश की ये राज्य सरकार देती है अन्य धर्म में शादी करने पर 50 हजार की प्रोत्साहन राशि

Gaurav Sharma
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देहरादून,डेस्क रिपोर्ट। जहां देशभर में लव जिहाद (Love jihad) को लेकर बहस छिड़ चुकी है और कई राज्य इसके खिलाफ कानून (Law) लाने की बात कर रहे है। वही देश के उत्तराखंड राज्य (uttarakhand) में दूसरे धर्म में शादी (Interfaith marriage)करने  वाले कपल (Couple) को प्रदेश सरकार प्रोत्साहन राशि देती है। उत्तराखंड सरकार (uttarakhand government) किसी अन्य जाति या धर्म के व्यक्ति से शादी करने वाले कपल को 50,000 रुपए की प्रोत्साहन (50,000 rupees as incentives) राशि देती है।

वही किसी अन्य धर्म या जाति के व्यक्ति से शादी करने पर मिलने वाली प्रोत्साहन राशि पर मचे बवाल को लेकर प्रदेश सरकार ने कहा कि इस मामले में जो आदेश जारी किए गए हैं, उसे ठीक करने की कार्रवाई (action) की जा रही है। पूरे मामले को लेकर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत (Uttarakhand Chief Minister Trivendra Singh Rawat) के सलाहकार आलोक भट्ट (advisor) alok bhatt  ने सोशल मीडिया के माध्यम से एक बयान जारी कर कहा कि इस आदेश की कार्रवाई में समय लगेगा पर जल्द ही इसे ठीक कर लिया जाएगा

उत्तराखंड सरकार के अन्य जाति या धर्म में किसी व्यक्ति से विवाह करने पर 50,000 हजार की प्रोत्साहन राशि मिलने के आदेश ने तब तूल पकड़ लिया, जब टिहरी के समाज कल्याण अधिकारी ने इसके संबंध में जानकारी साझा करते हुए एक प्रेस नोट रिलीज किया।

Love Jihad : देश की ये राज्य सरकार देती है अन्य धर्म में शादी करने पर 50 हजार की प्रोत्साहन राशि

वही टिहरी के जिला समाज कल्याण अधिकारी ने कहा कि देश में राष्ट्रीय एकता की भावना को जगाए रखने के लिए और समाज में एकता बनाए रखने के लिए अंतरधार्मिक और अंतरजातीय शादी काफी मददगार हो सकती हैं, उन्होंने बताया कि अंतरधार्मिक और अंतरजातीय शादी करने वाला कपल विवाह के 1 साल बाद प्रोत्साहन राशि के लिए आवेदन कर सकता है।

बता दें कि उत्तरप्रदेश अंतरधार्मिक-अंतरजातीय शादी प्रोत्साहन नियमावली, 1976 में संशोधन के जरिए साल 2014 में उत्तराखंड में इस नियमावली के तहत दी जाने वाली रकम को 10,000 से बढ़ाकर 50,000 कर दिया गया था। वही जब साल 2000 में उत्तर प्रदेश से अलग होकर उत्तराखंड राज्य का गठन हुआ था तो इस नियमावली को उसी रूप में अपना लिया गया था। जिसके बाद से अंतरधार्मिक-अंतरजातीय शादी करने वाले कपल को प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान है।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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